Saurabh Sharma Case Update: भोपाल में RTO के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा को लोकायुक्त की टीम ने कोर्ट परिसर से हिरासत में ले लिया है। इसकी सौरभ के वकील राकेश पाराशर ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूर्व कॉन्स्टेबल अदालत के आदेश पर 11 बजे उपस्थित होने वाले था, लेकिन लोकायुक्त पुलिस ने गलत तरीके से हिरासत में लिया।
सोमवार को सरेंडर का दिया था आवेदन
सोमवार को सौरभ शर्मा ने सोमवार को अदालत में सरेंडर करने का आवेदन दिया था। एडीजे रामप्रसाद मिश्रा ने लोकायुक्त को केस डायरी के साथ पेश होने का आदेश दिया था। सूत्रों के अनुसार, सौरभ ने सोमवार को दोपहर करीब 12.30 बजे सरेंडर एडीजे आरपी मिश्रा की अदालत में पहुंचा था।
यहां उनके वकील ने आत्मसमर्पण के लिए आवेदन दिया। वकील ने कोर्ट को बताया, उन्हें जानकारी मिली कि सौरभ शर्मा लोकायुक्त के आय से अधिक प्रॉपर्टी के प्रकरण में फरार चल रहा है और मामला विचारधीन है। वकील राकेश पाराशर ने कोर्ट को बताया कि मामले से जुड़े दस्तावेज लोकायुक्त टीम के पास है। अदालत ने तब रिपोर्ट के साथ डायरी कॉल की।
सौरभ शर्मा केस में 27 जनवरी को क्या-क्या हुआ?
27 जनवरी को सौरभ शर्मा के सरेंडर करने का घटनाक्रम
सौरभ शर्मा सोमवार को भोपाल स्थित विशेष कोर्ट पहुंचा और सरेंडर के लिए जस्टिस राम प्रताप मिश्र की कोर्ट में आवेदन दिया। सौरभ के वकील राकेश पाराशर के अनुसार, पूर्व कॉस्टेबल अदालत में आधे घंटे रहा। आत्मसमर्पण के आवेदन में आरोपी का मौजूद रहना अनिवार्य है, इसलिए वह आया था। आवेदन पर सौरभ शर्मा ने हस्ताक्षर किए।
24 घंटे में मेडिकल की मांग
आवेदन के साथ सौरभ शर्मा ने मांगे रखी हैं। उसके वकील पाराशर के अनुसार, सौरभ ने केस की पूछताछ के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग कराए जाने की मांग की है। रिकॉर्डिंग की सीडी बनाने का आवेदन दिया है। साथ ही लोकायुक्त पुलिस की कस्टडी के दौरान 24 घंटे में एक मेडिकल जांच की मांग की है। उसने अपनी जान का खतरा भी बताया है।
छापे में 2.85 करोड़ नकद, 60 किलो चांदी मिलीं
बता दें लोकायुक्त पुलिस ने 17 दिसंबर 2024 को परिवहन विभाग के सौरभ शर्मा के भोपाल की ई-7 अरेरा कॉलोनी स्थित घर और ऑफिस में छापा मारा था। देर रात तक चली सर्च में दोनों ठिकानों से टीम को 2.85 करोड़ रुपये नकद, 60 किलो चांदी, 50 लाख के जेवर, 4 एसयूवी और कई संपत्ति के दस्तावेज मिले थे। साथ ही नोट गिनने की सात मशीनें मिली।
सर्च के दौरान टीम को चांदी की सिल्लियों और नोट गिनने की बड़ी मशीने भी मिली। सौरभ शर्मा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत डीजी लोकायुक्त जयदीप प्रसाद से हुई थी। इसके बाद डीजी ने गोपनीय जांच करवाई।
पिता के निधन के बाद अनुकंपा नियुक्ति
सौरभ शर्मा के पिता आरके शर्मा सरकारी डॉक्टर थे। 2015 में उनके निधन के बाद सौरभ को परिवहन विभाग में अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। 7 साल की नौकरी के बाद उसने वीआरएस ले लिया। फिर कंस्ट्रक्शन के लाइन में आ गए।
राज्य के रसूखदारों के संपर्क में आने के बाद पूर्व आरक्षक ने कम समय में वीआरएस ले लिया। वह अपनी मां के नाम से ई-7 अरेरा कॉलोनी में एक बंगला और शाहपुरा बी-सेक्टर में एक स्कूल का निर्माण करवा रहा है।
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Saurabh Sharma Case Update: लोकायुक्त के छापे में हुए कई खुलासे, सौरभ-चेतन के बीच 6 ट्रांजेक्शन्स में करोड़ों की लेन-देन
सौरभ शर्मा और चेतन सिंह गौर से जुड़े कई लोकेशन्स पर लोकायुक्त के छापे में जब्त सामान से कई खुलासे हुए हैं। खुलासे में पता चला है कि सौरभ और चेतन के बीच करोड़ों के ट्रांजेक्शन हुए हैं। रुपयों का ये लेन-देन अर्निवल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, रजौधा (देवास) के जरिए खपाई गई। कंपनी का पता तिरुमाला पैलेस के पास का बताया जा रहा है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें