MP Weather Cold Wave Forecast: मध्यप्रदेश में 25 जनवरी से एक बार फिर तेज ठंड का दौर शुरू होने जा रहा है। उत्तरी हवाओं के कारण प्रदेश के दिन और रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री तक गिरावट की संभावना है। फिलहाल प्रदेश (MP Weather Cold Wave) में दो सक्रिय मौसम प्रणालियों के चलते दक्षिण-पूर्वी हवाएं चल रही हैं, जिससे कई हिस्सों में दिन में तेज धूप का अहसास हो रहा है।
मौसम वैज्ञानिकों का पूर्वानुमान
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, पंजाब और आसपास के क्षेत्रों में साइक्लोनिक सर्कुलेशन और पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टरबेंस) सक्रिय हैं। इन दोनों सिस्टमों की वजह से अभी दक्षिण-पूर्वी हवाएं चल रही हैं। अगले दो दिनों में हवाओं का रुख उत्तरी हो जाएगा, जिससे प्रदेश में ठंडी हवाएं दस्तक देंगी। इसका असर सबसे ज्यादा पचमढ़ी और ग्वालियर-चंबल संभाग में देखने को मिलेगा।
जेट स्ट्रीम का असर कम
पश्चिम-उत्तर भारत में जेट स्ट्रीम हवाएं चल रही हैं, जो जमीन से 12.6 किमी की ऊंचाई पर बहती हैं। बुधवार को इनकी गति 268 किमी प्रति घंटा दर्ज की गई। हालांकि, मध्यप्रदेश में इनका प्रभाव कम रहा। जेट स्ट्रीम की रफ्तार कम होने से तापमान में वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले छह दिनों में प्रदेश के कई शहरों में दिन का पारा 30 डिग्री के पार पहुंच गया है।
दिन-रात के तापमान में बढ़ोतरी
गुरुवार को प्रदेश (MP Weather Cold Wave) के कई शहरों में दिन का तापमान 30 डिग्री से ऊपर दर्ज किया गया। मंडला में 31.5 डिग्री, खंडवा में 31.1 डिग्री, खरगोन में 31 डिग्री और जबलपुर में 30.4 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं, पचमढ़ी में रात का तापमान 8.3 डिग्री के साथ सबसे कम दर्ज किया गया।
अगले दो दिनों का अनुमान
- 23 जनवरी: ग्वालियर-चंबल संभाग में हल्का कोहरा रहा, जबकि बाकि हिस्सों में धूप रही।
- 24 जनवरी: पूरे प्रदेश में तेज धूप रहेगी, जिससे दिन का तापमान बढ़ा रहेगा। रात में पारा गिरने लगेगा।
- 25 जनवरी से: उत्तरी हवाओं के चलते पूरे प्रदेश में ठंड तेज होगी।
प्रदेश के प्रमुख शहरों में सर्दी का ट्रेंड
भोपाल
भोपाल में जनवरी का न्यूनतम तापमान 0.6 डिग्री (1935) तक पहुंच चुका है। पिछले 10 सालों में 7 बार जनवरी में बारिश हो चुकी है। इस महीने सर्वाधिक मासिक बारिश 3.8 इंच (1948) दर्ज की गई थी।
इंदौर
इंदौर में जनवरी का न्यूनतम तापमान माइनस 1.1 डिग्री (1935) रहा है। वहीं, दिन का सर्वाधिक तापमान 33.9 डिग्री (1990) दर्ज हुआ था। जनवरी में यहां 1920 में सबसे ज्यादा 4 इंच बारिश हुई थी।
ग्वालियर
ग्वालियर में उत्तरी हवाओं का असर सबसे ज्यादा रहता है। जनवरी 1954 में यहां का न्यूनतम तापमान माइनस 1.1 डिग्री दर्ज किया गया था। पिछले 10 साल में कई बार यहां पारा 2 डिग्री से नीचे गया है।
जबलपुर
जबलपुर में भी जनवरी में ठंड-बारिश का ट्रेंड है। 7 जनवरी 1946 को रात का पारा रिकॉर्ड 1.1 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था। वहीं, दिन का उच्चतम तापमान 33.4 डिग्री 7 जनवरी 1973 को रहा था।
यहां इस महीने बारिश भी होती है। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश 24 जनवरी 1919 को 2.5 इंच हुई थी। इसी साल पूरे महीने 8 इंच से ज्यादा पानी गिरा था।
उज्जैन
उज्जैन में भी उत्तरी हवा का असर रहता है। इस वजह से यहां कड़ाके की ठंड पड़ती है। 22 जनवरी 1962 को पारा 0 डिग्री सेल्सियस रहा था। पिछले 10 साल में टेम्परेचर 2 से 5.8 डिग्री तक रह चुका है।
पचमढ़ी
पचमढ़ी में जनवरी की रातें सबसे ठंडी होती हैं। फिलहाल यहां का न्यूनतम तापमान 8.3 डिग्री है। आने वाले दिनों में यहां सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज होने की संभावना है।
24 घंटे में सर्वाधिक बारिश होने का रिकॉर्ड 11 जनवरी 1987 के नाम है। इस दिन सवा इंच पानी गिरा था। वहीं, सर्वाधिक कुल मासिक 2.2 इंच 1994 को हुई थी।
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सर्दी का दौर फिर होगा तेज
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 25 जनवरी से प्रदेश में कड़ाके की ठंड लौटेगी। ठंडी हवाओं के चलते ग्वालियर, चंबल और पचमढ़ी जैसे क्षेत्रों में तापमान सबसे कम रहेगा। दिन में तेज धूप का अहसास रहेगा, लेकिन रातें बेहद ठंडी होंगी। प्रदेशवासियों को सर्दी से बचने के लिए तैयार रहने की सलाह दी गई है।
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