UP Employees Protest: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गुरूवार को बिजली विभाग के कर्मचारियों ने निजीकरण के खिलाफ़ शक्ति भवन के बाहर मोर्चा खोल दिया है। विभाग में काम कर रहे कर्मचारी सारा काम धाम छोड़कर कार्यालय के बाहर आ गए। सभी अपने हांथ में तख्तियां लेकर नारेबाजी करने लगे। उन्होंने इस निजीकरण का जमकर विरोध किया है।
जानकारी के मुताबिक, इस निजीकरण का विरोध कर रहे कर्मचारियों ने कहा कि दक्षिणांचल और पूर्वांचल गलत तरीके से इस्तेमाल हो रहा है। निजीकरण करने से पहले किसी भी कर्मचारी से सहमति नहीं ली गई। सभी कर्मचारियों ने सुबह के वक्त बांह पर काली पट्टी बांधकर काम किया। फिर परिसर में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
यह भी पढ़ें: UP Ex-SP MLA Subhash Pasi: UP सरकार में मंत्री नितिन अग्रवाल की बहन से ठगी, पूर्व विधायक सुभाष पासी गिरफ्तार
डिस्कॉम कंपनी से जुड़ा है मामला
बता दें कि यह विरोध प्रदर्शन यूपी की बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) बनाने की प्रस्तावित योजनाओं से जुड़ा है, जो घाटे में चल रही हैं। इससे कर्मचारियों में गुस्सा है, जो नौकरी की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
हाल ही में उ.प्र. पावर कॉरपोरेशन ने दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) के लिए एक पीपीपी मॉडल तैयार करने के लिए सलाहकारों और सलाहकारों को आमंत्रित करते हुए एक निविदा जारी की है, क्योंकि सरकार वित्तीय संकट के बीच बिजली वितरण की दक्षता और सेवा की गुणवत्ता में सुधार के विकल्प तलाश रही है।
निजीकरण हुआ तो हजारों कर्मचारी बैठेंगे घर
इस पर अधिक जानकारी देते हुए संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया कि पूर्वांचल डिस्कॉम में कर्मचारियों के कुल 45,330 पद हैं और इन पदों पर करीब 28,000 संविदा कर्मचारी काम करते हैं जिसमें 17430 नियमित कर्मचारी हैं। अगर निजीकरण होगा, तो 27000 संविदा कर्मी बेरोजगार हो जाएंगे। बड़े पैमाने पर लोगों तो रिवर्ट किया जाएगा और छंटनी भी होगी।
यह भी पढ़ें: UP Kisan Andolan: वेयरहाउस घोटाले के खिलाफ भूख हड़ताल पर किसान: किसान नेता श्याम सिंह चाहर की बिगड़ी हालत
निजीकरण के बाद महंगी होगी बिजली
उत्तर प्रदेश में अभी तक 0 से 100 यूनिट तक 4.35 रुपए प्रति यूनिट की दर से वसूल किया जाता है, जबकि मुंबई में टाटा की दरें एक अप्रैल 2024 से 6.33 रुपए प्रति यूनिट हैं। उत्तर प्रदेश में 100 से 151 यूनिट तक 4.85 रुपए तो मुंबई में 8.51 प्रति यूनिट है। उत्तर प्रदेश में 151 से 300 यूनिट तक 6 रुपये प्रति यूनिट तो मुंबई में 9.51 रुपये पैसे प्रति यूनिट है। उत्तर प्रदेश में 301 से 500 यूनिट तक के लिए 6.60 रुपये प्रति यूनिट है, तो मुंबई में टाटा की दरें 15.76 रुपये प्रति यूनिट हैं। उत्तर प्रदेश में 501 यूनिट से ऊपर 8.50 रुपये हैं जबकि मुंबई में 16.71 रुपये प्रति यूनिट हैं। अगर निजीकरण हुआ तो बिजली महंगी हो जाएगी और कई घरों से बिजली भी कट सकती है जिससे कई घर अंधेरे में चले जाएंगे।