(REPORT- मोरध्वज कुमार)
Retired ADM In Kasganj: उत्तर प्रदेश के कासगंज में सेवानिवृत्त एडीएम राजेंद्र प्रसाद कश्यप की हत्या के मामले में पुलिस ने खुलासा हो कर दिया है। पुलिस को इस हत्या का खुलासा करने में महज 24 घंटे का वक्त लगा और हत्या का आरोपी नौकर को गिरफ्तार कर लिया। हत्या में प्रयुक्त सब्बल भी बरामद कर लिया गया है।
जानकारी के मुताबिक, रिटायर्ड एडीएम राजेंद्र प्रसाद की हत्या को उनके ही नौकर धर्मेंद्र कश्यप ने अंजाम दिया और उसने इस वारदात को अंजाम देकर अपने आप को बचाने के लिए ऐसी कहानी बनाई कि जिससे पुलिस को उस पर बिल्कुल भी शक ना हो।
चोरी छुपाने के लिए की हत्या
मामले में अधिक जानकारी देकर अंकिता शर्मा ने बताया कि नगला कंचन निवासी हत्यारोपी नौकर धर्मेंद्र कश्यप पूर्व एडीएम का रिश्तेदार है। उसने चोरी की घटना को छिपाने के उद्देश्य से वारदात को अंजाम दिया। उन्होंने आगे कहा कि बीते कुछ समय से गेस्ट हाउस के अंदर चोरी की वारदात हो रही थी। जिन्हें नौकर ही अंजाम दे रहा था। पुलिस ने गेस्ट हाउस से चोरी हुए इन्वर्टर व दो बड़े बैटरा भी बरामद किए हैं।
नौकर पर किसी को नहीं था शक
गौरतलब है कि जिस पूर्व एडीएम राजेंद्र प्रसाद की हत्या हुई है वे कासगंज केजिले के गोरहा के रहने वाले थे। वर्तमान में इनका परिवार गाजियाबाद के वसुंधरा में रहता है। पूर्व एडीएम की हत्या मंगलवार तड़के उनके ही गेस्ट हाउस में की गई थी। जब इस मामले में सबसे पूछताछ की गई थी। पूर्व एडीएम के पुत्र शुभम कश्यप व अन्य परिजन को नौकर धर्मेंद्र कश्यप पर शक नहीं था।
चाय के बहाने ले ली जान
एसपी ने वारदात के खुलासे की जिम्मेदारी सदर कोतवाली पुलिस के अलावा क्राइम ब्रांच व सर्विलांस पुलिस को दी थी। पूर्व एडीएम के पुत्र शुभम कश्यप व अन्य परिजन को नौकर धर्मेंद्र कश्यप पर शक नहीं था।
जिस रात ये वारदात हुई उस रात आरोपी नौकर ने परिजनों को फोन करके बताया था कि एडीएम की तबीयत ठीक नहीं है इसलिए वह चाय पिलाकर जा रहा है, लेकिन इस बीच नौकर ने रिटायर्ड एडीएम की हत्या की वारदात को अंजाम दे दिया।
पूछताछ में कबूला पूरा सच
हत्या के मुख्य आरोपी धर्मेंद्र कश्यप ने पुलिस की पूछताछ में पूरा सच उगल दिया। रिटायर्ड एडीएम राजेंद्र प्रसाद कश्यप के पुत्र शुभम कश्यप ने बताया कि नौकर धर्मेंद्र कश्यप नगला कंचन का रहने वाला है। गांव देहात के रिश्तों की वजह से वह उन्हें भइया व उनकी मां को बुआ कहता था।
उन्होंने आगे कहा कि करीब चार साल पहले धर्मेंद्र कश्यप यहां पुताई का काम करने आया था औ पूरे परिवार का दिल जीत लिया उन्हीं के साथ रहने की पेशकश की तो परिवार के लोगों ने उसे काम पर रख लिया। परिवार के लोगों का इतना भरोसा जीत लिया कि गेस्टहाउस की एक चाबी भी उसके पास रहती थी।