CG News: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के खपराडीह गांव स्थित स्कूल में बच्चियों की तबीयत अचानक बिगड़ने से हड़कंप मच गया। कुछ बच्चों को उल्टी हुई, जबकि कुछ बेहोश हो गए।
स्कूल प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बच्चों के अभिभावकों को सूचित किया और उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल व भाटापारा अस्पताल भेजा गया। बच्चों ने अपनी तबीयत बिगड़ने का कारण पास में स्थित सीमेंट संयंत्र से निकलने वाली बदबूदार गैस को बताया है।
कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
सूचना मिलने पर कलेक्टर दीपक सोनी ने तुरंत सुहेला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दौरा किया और बच्चों की स्थिति का जायजा लिया।
उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों को उचित इलाज के निर्देश दिए और सीमेंट संयंत्र से संबंधित शिकायतों पर भी संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए। हालांकि, अभी तक घटना के असली कारण का पता नहीं चल पाया है।
क्षेत्र को किया गया सील
कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि बच्चों की स्थिति अब नियंत्रण में है। कुछ बच्चों को जिला अस्पताल और भाटापारा भेजा गया है, जबकि बाकी का इलाज सुहेला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है।
उन्होंने बताया कि सीमेंट संयंत्र से निकलने वाली गैस की बदबू की जांच की जा रही है और क्षेत्र को सील कर दिया गया है। साथ ही पर्यावरण और उद्योग विभाग को जांच के निर्देश दिए गए हैं।
जांच रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। बच्चों की पढ़ाई में किसी प्रकार की रुकावट न हो, इसके लिए उन्हें अन्य स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा।
बच्चियों ने प्रशासन पर लगाया अनदेखी का आरोप
बच्चों ने यह भी बताया कि उन्होंने और उनके अभिभावकों ने पहले भी सीमेंट संयंत्र के अधिकारियों से गैस की बदबू को लेकर शिकायत की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब जब इस घटना की गंभीरता बढ़ी, तब प्रशासन जागा है। बच्चों का कहना है कि यह सीमेंट के प्रदूषण के कारण हो रहा है।
घटना के कारणों की जांच जारी
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश अवस्थी ने बताया कि सभी बच्चों की स्थिति अब ठीक है। कुछ बच्चों को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, जिन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है। बाकी बच्चों का इलाज सुहेला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है और घटना के कारणों की जांच की जा रही है।
बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में आठ से दस सीमेंट संयंत्र
बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में आठ से दस सीमेंट संयंत्र हैं, जिनसे निकलने वाली गैसें अक्सर बदबूदार होती हैं। इस प्रकार की शिकायतें आसपास के गांवों से भी मिलती रही हैं और जनसुनवाई में भी यह मामला उठ चुका है, लेकिन प्रशासन ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
अब इस घटना के बाद श्री सीमेंट संयंत्र के खिलाफ धरना-प्रदर्शन शुरू हो गया है। यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में आगे क्या कदम उठाता है।
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