MP Ranger Viral Audio: मुरैना जिले में चंबल नदी से रेत माफिया का अवैध कारोबार किसी से छिपा नहीं है। रेत माफिया लगातार नदी को छलनी कर रेत निकालकर उसका अवैध व्यापार कर रहे हैं। हालांकि, इस समस्या को रोकने के लिए अक्सर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन वास्तविकता इससे बिल्कुल अलग है।
माफिया और रेंजर की मिलीभगत
दरअसल, मुरैना में वन विभाग के रेंजर पर रेत माफिया से मिलीभगत का आरोप लगा है। आज मुरैना के अंबाह रेंज वन मंडल के रेंजर दीपक शर्मा का एक ऑडियो वायरल हो रहा है। यह ऑडियो लला तोमर और रेंजर दीपक शर्मा के बीच हुई वॉट्सऐप कॉल की रिकॉर्डिंग बताई जा रही है।
रेंजर का ऑडियो वायरल
इस ऑडियो में दीपक शर्मा रेत माफिया से बातचीत करते सुनाई दे रहे हैं। बातचीत में रेत माफिया उन से खदान को चालू करने की बात कर रहा है, और रेंजर जवाब में कहते हैं, “देखते हैं, चालू करवा देते हैं।” बता दें 20 जनवरी की एक अन्य रिकॉर्डिंग में माफिया ने रेंजर को लोडर की लोकेशन दी।
ये है पूरा मामला..
जानकारी के मुताबिक वर्तमान में रूअर गांव के मोनू तोमर द्वारा लोडर से रेत का अवैध खनन किया जा रहा है। रोजाना सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रॉली रेत का अवैध परिवहन करते हैं। रेंजर दीपक शर्मा ने आरोपों से इनकार कर दिया है। वहीं वन मंडल अधिकारी सुजीत पाटिल ने मामले की जांच करने का आश्वासन दिया है।
जानकारी के मुताबिक जिले के अंबाह के रूअर गांव की चंबल नदी के घाट पर लला तोमर अवैध खनन करता था। जब विभाग ने रोका तब से रुअर गांव निवासी मोनू तोमर लोडर चला रहा है।
लला तोमर के मुताबिक उसने 20 जनवरी 2025 को वन विभाग के अंबाह वन रेंज के रेंजर दीपक शर्मा से फिर से खनन की अनुमति मांगी, जिस पर रेंजर ने पुरानी जगह पर मिलने के लिए कहा। जब लला तोमर ने रेंजर को बताया कि एक बाइक सवार उसे लोडर की लोकेशन दे रहा है, तब भी रेंजर ने लोडर को पकड़ने की कोशिश नहीं की। इस पर रेंजर ने वापस लौटने का कारण गाड़ी फंसना बताया। बाद में लोडर चालक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
अवैध कारोबार पर होगी ठोस कार्रवाई?
यह ऑडियो न केवल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि रेत माफिया और अधिकारियों के बीच किस तरह की मिलीभगत हो सकती है। चंबल नदी और उसके आसपास के पर्यावरण को लगातार नुकसान पहुंचाने वाले इस अवैध कारोबार पर क्या कोई ठोस कार्रवाई होगी या फिर यह मामला भी दबा दिया जाएगा
वन मंडल के डीएफओ क्या कार्रवाई करेंगे?
अब देखना होगा कि वन मंडल के डीएफओ सुजीत जे पाटिल आखिरकार अपने अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई करते नजर आएंगे या फिर इस मामले को भी टालमटोल कर दबा दिया जाएगा और रेत का कारोबार और काली कमाई अधिकारियों और एक माफिया के बीच आपस में ऐसे ही बढ़ती रहेगी?