Bhopal FIITJEE Coaching: भोपाल के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान फिटजी के खिलाफ अभिभावकों ने कलेक्ट्रेट में शिकायत की है। अभिभावकों का कहना है कि दिसंबर के पहले सप्ताह में जानकारी मिली कि फिटजी कोचिंग बंद हो गई है। इस घटना से करीब 700 अभिभावकों के पैसे फंस गए।
मेरे हाथ में कुछ नहीं- फिटजी सेंटर हेड
वहीं जानकारी के अनुसार फिटजी के सेंटर हेड ने एक पत्र जारी किया, जिसमें लिखा है- उनके हाथ में कुछ भी नहीं है और पेरेंट्स अपनी रकम दिल्ली सेंटर से मांगें। भोपाल सेंटर के संचालक केके पांडे ने बात करने से इंकार कर दिया है। देशभर के विभिन्न शहरों में फिटजी की 72 कोचिंग क्लासेस संचालित हो रही हैं।
अभिभावकों के 12-15 करोड़ रुपये फंसे
शिकायत के मुताबिक, हर पेरेंट्स के लगभग 2 लाख रुपए फंस गए हैं। सभी छात्रों के पैसे मिलाकर यह राशि लगभग 12-15 करोड़ है। अभिभावकों का कहना है कि शिकायत के बाद कलेक्ट्रेट ने कोचिंग सेंटर का गुमास्ता रद्द कर दिया है। प्रशासन ने अभिभावकों को उनके फंसे पैसे वापस दिलाने का आश्वासन दिया है। हालांकि, पुलिस की ओर से अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं देखी है।
चेयरपर्सन पर 42 करोड़ रुपए के गबन का आरोप
अभिभावकों के मुताबिक फिटजी के चेयरपर्सन पर 42 करोड़ रुपए गबन करने का आरोप लगा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में कुछ लोग कोचिंग सेंटर के हेड को गालियां देते नजर आए। भोपाल ब्रांच में करीब 700 स्टूडेंट्स के एडमिशन है। हर स्टूडेंट से डेढ़ से 3 लाख रुपए फीस ली जाती है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह का कहना है कि कोचिंग सेंटर पर एक्शन लिया जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि वे बच्चों की फीस वापस कराने की कोशिश करेंगे।
शिक्षकों ने दिया इस्तीफा
अभिभावकों का कहना है कि दिसंबर के पहले सप्ताह तक कक्षाएं जारी थीं। लेकिन बाद में कोचिंग सेंटर ने मैसेज भेजकर ऑनलाइन क्लास का आश्वासन दिया। जब पेरेंट्स कोचिंग पहुंचे, तो पता चला कि शिक्षकों ने वेतन न मिलने की वजह से इस्तीफा दे दिया है।
इंदौर की ब्रांच भी बंद
इंदौर में फिटजी का एक सेंटर पहले ही बंद हो चुका है। तब भोपाल सेंटर ने अभिभावकों को भरोसा दिलाया कि कक्षाएं सुचारू रूप से चालू रहेंगी। इसके बाद पेरेंट्स ने 10 सितंबर को क्लास 11 और 12 की फीस जमा कर दी। अभिभावकों के मुताबिक जल्द ही इस मामले में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो पेरेंट्स कंज्यूमर और क्रिमिनल कोर्ट जाकर न्याय की मांग करेंगे।
100 से अभिभावकों ने दर्ज कराए बयान
अभिभावकों के पैसे फंसने के बाद 15 दिसंबर को एमपी नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। अभिभावकों ने बताया कि हमने एमपी नगर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी, जिसमें करीब 100 से ज्यादा पेरेंट्स ने बयान दर्ज कराए थे। इसके अलावा कलेक्टर साहब को एक एप्लीकेशन भी दी थी।
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