RBI Nomination New Rule: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों और एनबीएफसी (Non-Banking Financial Companies) को नामितियों (legal heirs) के संबंध में निर्देश जारी किए हैं। अब हर एक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), सेविंग अकाउंट (Savings Accounts) खाते और लॉकर के लिए रजिस्ट्रेशन आवश्यक है।
RBI ने सभी बैंकों को अपने सभी पुराने और नए ग्राहकों से नामांकन सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। नामांकन सुविधा का उद्देश्य जमाकर्ता/जमाकर्ताओं की मृत्यु पर परिवार के सदस्यों को होने वाली कठिनाई को कम करना तथा दावों के निपटान में तेजी लाना है। केंद्रीय बैंक के सर्कुलर में कहा गया है कि बड़ी संख्या में जमा खातों में नामांकित व्यक्ति उपलब्ध नहीं हैं। जानें नामांकन क्यों जरूरी है…
क्या है वजह?
आरबीआई ने पाया है कि कई खातों में नामांकन नहीं है। ऐसी स्थिति में यदि खाताधारक की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार वालों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। नामांकन के साथ, यदि परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है, तो नामित व्यक्ति को बिना किसी देरी या कानूनी परेशानी के अपने बचत खाते, एफडी या लॉकर से आसानी से पैसा मिल जाएगा।
क्या हैं निर्देश?
शुक्रवार 17 जनवरी को आरबीआई के सर्कुलर के अनुसार, मास्टर सर्कुलर में Scheduled Commercial बैंकों (एससीबी-आरआरबी के अलावा), प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) और जमा स्वीकार करने वाली एनबीएफसी के लिए नामांकन निर्देश शामिल हैं। इन नियमों में बैंकों से यह भी कहा गया है कि वे लोगों को नामांकन के फायदे स्पष्ट रूप से समझाएं और इसके बारे में हर जगह जानकारी उपलब्ध कराएं।
कैसे किया जाएगा सुपरविजन?
आरबीआई के नए निर्देश के अनुसार, ग्राहक सेवा समिति (Customer Service Committee) या निदेशक मंडल नियमित रूप से नामांकन की स्थिति की समीक्षा करेगा। 31 मार्च से दक्ष पोर्टल के माध्यम से तिमाही आधार पर प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाएगी। खाता खोलने के फॉर्म में भी संशोधन किया जाएगा ताकि ग्राहक नामिती चुन सकें या नामांकन से इनकार भी कर सकें। आरबीआई ने कहा है कि अभियान समय-समय पर चलाए जाने चाहिए।
कौन होता है नॉमिनी?
किसी खाते या निवेश में नॉमिनी व्यक्ति वह व्यक्ति होता है जिसे खाताधारक अपनी मृत्यु के बाद अपना पैसा प्राप्त कराना चाहता है। जब आप खाता खोलते हैं या बाद में किसी नॉमिनी का नाम जोड़ते हैं, तो यह सुनिश्चित होता है कि खाताधारक की असैट्स आसानी से उस व्यक्ति को ट्रांसफर हो जाएं। यह व्यक्ति परिवार का सदस्य, मित्र या परिचित हो सकता है। खाताधारक जब चाहें अपने खाते में नॉमिनी व्यक्ति का नाम बदल सकते हैं।
क्यों आवश्यक है?
नामांकन करके परिवार के सदस्य कानूनी परेशानियों से बच सकते हैं। यदि कोई नामित व्यक्ति नहीं है, तो परिवार के सदस्यों या कानूनी उत्तराधिकारियों को संपत्ति पाने के लिए लंबी प्रोसेस से गुजरना पड़ता है। यदि कोई नामित व्यक्ति है तो उसे केवल अपना पता, बैंक डिटेल और पहचान पत्र देना होगा और धनराशि उसके नाम पर ट्रांसफर कर दी जाएगी।
परेशानी से बचने के लिए जरूरी
नामित व्यक्ति के अभाव में, मृत व्यक्ति के परिवार को बैंक/बीमा कंपनी से धन प्राप्त करने में कानूनी बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। कभी-कभी कोई दूर का रिश्तेदार या कोई अजनबी भी स्वयं को उत्तराधिकारी घोषित कर देता है। ऐसी स्थिति में मामला और भी जटिल हो जाता है। यदि परिवार के सदस्यों के बीच कोई विवाद हो तो मामला अदालत में जाता है। इस निर्णय में छह महीने या कई साल लग सकते हैं। इस परेशानी से बचने के लिए आज ही अपने खाते में नामिती का पंजीकरण कराएं।
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