Ujjain Janpad Panchayat Adhyaksh Chunav: उज्जैन जनपद पंचायत अध्यक्ष का चुनाव दोबारा होगा। इंदौर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने ये फैसला सुनाया है। कोर्ट ने तीन साल पहले (2022 में) हुए चुनाव को असंवैधानिक करार देते हुए शून्य घोषित कर दिया और दोबारा चुनाव कराने का आदेश दिया है। इस आदेश के तहत कलेक्टर को नई चुनाव प्रक्रिया आयोजित करनी होगी। बताया गया कि जनपद पंचायत के चुनाव 25 जून 2022 को हुए थे, और अध्यक्ष-उपाध्यक्ष का निर्वाचन 27 जुलाई 2022 को हुआ था, जिसमें काफी हंगामा हुआ था। विरोध के बावजूद, कांग्रेस समर्थित पिपलोदा द्वारकाधीश की विंध्या देवेन्द्र सिंह पंवार अध्यक्ष चुनी गई थीं।
सीएम मोहन यादव धरने पर बैठे थे
2022 में चुनाव के दौरान जमकर हंगामा हुआ था। कांग्रेस समर्थित विंध्या देवेन्द्र सिंह पंवार को अध्यक्ष चुने जाने के विरोध में तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री और वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बीजेपी समर्थित जनपद सदस्य तथा कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गए थे। उन्होंने प्रशासन पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए कहा था कि भाजपा समर्थित 13 सदस्यों को वोट डालने से रोका गया था।
विरोध के बाद कोर्ट ने लगाई थी रोक
बीजेपी के विरोध के बाद 28 जुलाई को कोर्ट ने चुनाव पर रोक लगा दी थी। अपीलकर्ता ने अपनी रिट याचिका में बताया था कि तीन निर्वाचित जनपद सदस्य कोविड-19 से प्रभावित थे और वोट डालने में असमर्थ थे, इस कारण उन्होंने अपीलकर्ता जनपद सदस्य क्रमांक 11 और 13 को वोट देने के लिए अधिकृत किया था।
याचिका में बताया कि इस संबंध में पीठासीन अधिकारी के समक्ष कोविड प्रमाणपत्र के साथ आवेदन प्रस्तुत किया गया था, लेकिन चुनाव अधिकारी ने सभी आवेदनों को खारिज कर दिया और विंध्या पंवार को अध्यक्ष घोषित कर दिया। जबकि पीठासीन अधिकारी चुनाव की तिथि को स्थगित भी कर सकते थे।
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कांग्रेस ने कहा ये अधिकारियों की गलती उनपर कार्रवाई हो
कांग्रेस विधायक महेश परमार ने कहा कि यदि चुनाव में कोई गड़बड़ी हुई है, तो इसके लिए जिम्मेदार तत्कालीन कलेक्टर और अन्य अधिकारी हैं, और उन्हें सजा मिलनी चाहिए। उनका कहना था कि हम लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत चुनाव जीते थे।
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