MP Excise Policy 2025: एमपी सरकार ने 2025 की आबकारी नीति के लिए नए प्रावधान तैयार कर लिए हैं। मध्य प्रदेश की प्रस्तावित आबकारी नीति में शराब दुकानों के साथ परमिट रूम खोलने का प्रावधान था, लेकिन अब इसे हटा लिया गया है। अब प्रदेश में परमिट रूम भी नहीं खुलेंगे।
दरअसल पहले शराब दुकानों के साथ ‘अहाते’ होते थे, जो पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के विरोध के बाद बंद कर दिए गए थे। अब शराब दुकानों के पास परमिट रूम खोलने का प्रस्ताव था, लेकिन इसका विरोध किया जा रहा था। जिसके बाद सरकार अब परमिट रूम भी नहीं खुलेंगे।
17 धार्मिक शहरों में शराबबंदी यथावत रहेगी
वहीं शराब नीति में धार्मिक महत्व वाले शहरों में शराबबंदी का प्रस्ताव पहले जैसा ही रहेगा। कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही उज्जैन की 17 शराब दुकानें बंद होंगी। साथ ही प्रदेश के उज्जैन और महेश्वर समेत 16 धार्मिक शहरों में शराबबंदी रहेगी। बता दें नई आबकारी नीति 1 अप्रैल से लागू होगी।
नई शराब नीति के प्रस्तावित बदलाव
नई शराब नीति में दुकानों की ऑफसेट कीमत में 18 से 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे सरकार को 2600 से 3500 करोड़ रुपए का फायदा होगा। यदि किसी जिले में कुल दुकानों की ठेका कीमत 100 करोड़ है, तो नवीनीकरण तब तक नहीं होगा, जब तक 80 प्रतिशत आवेदन प्राप्त न हो जाएं (पहले यह सीमा 70 प्रतिशत थी)। अगर शर्त पूरी नहीं होती, तो जिला ई-ऑक्शन में जाएगा।
इम्पोर्टेड शराब पर प्रति बोतल 750 रुपए शुल्क लिया जा सकता है। फुटकर विक्रेताओं को न्यूनतम ड्यूटी राशि में प्रति बोतल 600 रुपए का समायोजन लाभ मिल सकता है। देशी और विदेशी शराब की एमएसपी 1 रुपए के उच्चतर गुणांक और इम्पोर्टेड शराब की 10 रुपए के उच्चतर गुणांक पर निर्धारित की जाएगी।
बार संचालकों को रोजाना स्टॉक की जानकारी पोर्टल पर देना होगा, और जानकारी छुपाने पर जुर्माना लगाया जाएगा। शराब गोदामों में शराब रखने के पुराने सिस्टम को बदलने की योजना है और बायोमेट्रिक लॉकिंग सुविधा शुरू की जा सकती है। इसके अलावा, इंटीग्रेटेड सप्लाई चेन बनाई जाएगी, जिससे शराब के स्टॉक के आंदोलन का पता चल सकेगा।
शराब की नगदी खरीद और बिक्री पर रोक लगाने की योजना है, और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए दुकानों में स्कैनर और पीओएस मशीनें लगाई जाएंगी ताकि लेन-देन का रिकॉर्ड रखा जा सके।
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