Damoh Ancient Shiv Mandir: मध्य प्रदेश के पुरातत्व विभाग की टीम दमोह में खुदाई कर रही है, जहां टीम को दोनी गांव में कलचुरी काल के 7 प्राचीन शिव मंदिरों का समूह मिला है। ये सभी मंदिर 9वीं शताब्दी के हैं और मिट्टी के नीचे दबे हुए थे। यह माना जा रहा है कि ये मंदिर युवराज देव के शासनकाल के हैं। एक मंदिर की आधारशिला जमीन से ढाई मीटर ऊंची है। विशेषज्ञों के अनुसार, दोनी गांव में पिछले तीन महीनों से खुदाई जारी है, और आगे भी काम किया जाएगा।
मिट्टी के टीले के नीचे दबे थे 7 मंदिर
आर्कियोलॉजिस्ट्स का मानना है कि खुदाई में मिले मंदिर सैंड स्टोन से बने हुए थे और ये मंदिर चंदेल राजाओं द्वारा बनवाए गए थे। मंदिरों का निर्माण कई पीढ़ियों तक चलता रहा होगा, और वे काफी भव्य रहे होंगे। एक मंदिर की पत्थर की आधारशिला जमीन से ढाई मीटर ऊंची है।
इस क्षेत्र में अन्य मंदिरों के समूह होने की संभावना भी जताई जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, इन मंदिरों के जमींदोज होने का कारण आक्रमण और मौसम की परिस्थितियां हो सकती हैं। कई मंदिरों के हिस्से चोरी हो चुके हैं, और कुछ लोगों ने तो इन मंदिरों के पत्थर अपने घरों में लगा लिए हैं।
अर्द्धनारीश्वर समेत 35 देवी देवताओं की प्रतिमाएं मिलीं
पुरातत्व विशेषज्ञों के अनुसार, खुदाई में गणेश, शिव, अर्द्धनारीश्वर जैसी करीब 35 प्रतिमाएं मिली हैं। इन प्रतिमाओं को दुर्गावती संग्रहालय, जबलपुर और दमयंती संग्रहालय, दमोह में रखा गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर खुदाई में किसी मंदिर के 75 प्रतिशत से अधिक अवशेष मिलते हैं, तो उसका पुनर्निर्माण किया जा सकता है।
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संभल से भी पुराना मंदिर मिला
500 साल पुराना शिव मंदिर पाया गया था। हालांकि, संभल और दमोह के मामलों में अंतर है, क्योंकि संभल में जो मंदिर मिला है, वह सैकड़ों साल पुराना है, जबकि दमोह का मामला अलग है। वहीं दमोह में मिले मंदिर लगभग 70 फीट ऊंचे रहे होंगे। फिलहाल, यहां की जांच के बाद और जानकारी सामने आ सकती है। ये मंदिर 9वीं शताब्दी यानी करीब 1000 साल पुराने हैं।