रिपोर्ट: सीधी से स्तुति मिश्रा, बालाघाट से अशोक मोटवानी, कटनी से लीलाधर जाटव, दमोह से मनीष सोनी
MP Dhan Kharidi MSP: मध्य प्रदेश के किसानों से बीजेपी ने सरकार में आने से पहले एक वादा किया था। जो अब किसानों को निराश कर रहा है।
एमपी में 2 दिसंबर 2024 से राज्य सरकार एमएसपी पर धान की खरीद कर रही है। ये खरीदी 23 जनवरी 2025 तक चलेगी। सरकार किसानों से 2300 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से धान खरीद रही है। इस बार प्रदेश में धान की पैदावार भी भारी मात्रा में हुई है।
दरअसल किसानों ने धान की बंपर पैदावार बीजेपी के चुनावी वादे के भरोसे की है। यह वादा बीजेपी ने चुनाव जीतने से पहले किया था।
3100 का वादा, 2300 में हो रही खरीदी
विधानसभा चुनाव से पहले अपने संकल्प पत्र में बीजेपी ने 3100 रूपए क्विंटल के भाव पर धान खरीदी करने का दावा किया था। अब राज्य में धान 2300 और 2320 रूपए प्रति क्विंटल के भाव से खरीदी जा रही है। किसान संगठनों से लेकर विपक्ष ने कई बार भाव 3100 करने की मांग उठाई लेकिन सरकार ने भाव नहीं बढ़ाए।
कम कीमत से किसानों में निराशा
अब धान खरीदी अंतिम दौर में है। ऐसे में प्रदेश के 4 जिलों से धान खरीदी की जमीनी हकीकत खुद किसानों ने बताई। बालाघाट, दमोह, कटनी और सीधी के खरीदी केंद्रों पर किसानों से बातचीत में किसान धान की कम कीमत मिलने से निराश दिखाई दिए।
बालाघाट में कम कीमत से नाराज किसान
बालाघाट के एक खरीदी केंद्र पहुंचकर जब किसानों से बातचीत की तो किसानों का कहना है कि सरकार ने चुनाव के समय धान का समर्थन मूल्य 3100 रु प्रति क्विंटल देने का वादा किया था जो पूरा नहीं किया। हालांकि विरोध को देखते हुए सरकार ने प्रति हेक्टेयर दो हजार रुपए बोनस देने का वादा किया है। किसानों का कहना है कि ये भी पर्याप्त नहीं है।
खरीद केंद्र की व्यवस्था से संतुष्ट किसान
किसानों में खरीदी केंद्र की व्यवस्थाओं से कोई नाराजगी नहीं देखने मिली। हालांकि कुछ किसानों ने कहा कि सरकार ने किसानों से एक बोरी में 40 कि. 600 ग्राम धान खरीदी का नियम बनाया है किंतु देखने में आया कि तौल में 100 से 200 ग्राम धान अधिक की जा रही थी। इस पर केंद्र प्रभारी ने सफाई देते हुए बताया कि परिवहन के दौरान बोरे से धान झड़ने तथा उसमें सोख आ जाने के चलते ऐसा किया जा रहा है।
कटनी में खरीद केंद्र पर पैसा देकर हो रही तुलाई
कटनी के बड़गांव खरीदी केंद्र में घोर लापरवाही सामने आई है। जहां किसानों का आरोप है कि तीन दिन से परेशान हैं। हम अपनी धान कि रखवाली खुद कर रहे है किसानों का कहना है कि ज़ब तक किसान तुलवाई का पैसा ना दें तब तक खरीद नहीं हो रही। हालांकि कुछ किसानों ने कोई शिकायत नहीं की और वे शासन की व्यवस्थाओं से संतुष्ट दिखे।
सीधी में किसानों ने कम कीमत और व्यवस्थाओं पर जताई नाराजगी
सीधी जिले में जहां लोगों के पास कृषि के अलावा अन्य आय के साधन नहीं के बराबर हैं। किसानों से धान की खरीदी के लिए सीधी जिले में 40 केंद्र खोलो गए हैं। हालांकि इन केंद्रों पर व्यवस्थाओं से किसान नाराज दिखे। किसान क्रांति शुक्ला ने कहा कि पूरे सीधी जिले में सुविधाओं का अभाव है। खाद के लिए करनी पड़ती है। वहीं बम्हनी के किसान ने कहा कि चुनाव के पूर्व समर्थन मूल्य 3100 रुपए का वादा किया था लेकिन हम 2300 पर बेचने के लिए मजबूर हैं। किसान विनय सिंह ने कहा पांच दिन पहले स्लॉट बुक किया था आज जाके नंबर आया है।
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एमपी में 44 मीट्रिक टन धान उपार्जन
मध्य प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अब तक साढ़े पांच लाख से अधिक किसानों से 36 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। इस साल प्रदेश में करीब 44 लाख मीट्रिक टन धान उपार्जन का अनुमान लगाया गया है।
सीधी से स्तुति मिश्रा, बालाघाट से अशोक मोटवानी, कटनी से लीलाधर जाटव, दमोह से मनीष सोनी