SBI Research Report: एसबीआई रिसर्च की एक नई रिपोर्ट में भारतीय राज्यों में महिला केंद्रित योजनाओं के प्रभाव को देखा गया है, जिससे महिला मतदाताओं की संख्या में आश्चर्यजनक वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, जिन 19 राज्यों में महिला स्कीम्स की घोषणा की गई, वहां महिला वोटरों की संख्या 1.5 करोड़ बढ़ी, जबकि जिन राज्यों में यह योजनाएं लागू नहीं हुईं, वहां केवल 30 लाख महिला वोटरों का इजाफा हुआ।
महिला योजनाओं का वोटिंग पर प्रभाव
एसबीआई के अध्ययन (SBI Research Report) में यह पाया गया कि महिला केंद्रित योजनाओं से वोट देने वाली महिलाओं की संख्या में पांच गुना वृद्धि हुई। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि पिछले दशक में 9 करोड़ से अधिक नए मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जिनमें 58% महिलाएं थीं। एससी/एसटी श्रेणी (खासकर महिलाओं के मामले में) में कुल मतदान अनुपात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो फिर से पिरामिड के निचले हिस्से में रहने वालों के सशक्तीकरण का संकेत है।
साक्षरता और रोजगार योजनाओं से बदलाव
महिला साक्षरता में एक प्रतिशत वृद्धि होने के कारण मतदान में 25% का बढ़ोतरी दर्ज की गई। इसके चलते 2024 में 45 लाख नई महिलाएं मतदान केंद्रों तक पहुंचीं। इसके अलावा, मुद्रा लोन योजना और आवास योजना जैसे कार्यक्रमों ने क्रमशः 36 लाख और 20 लाख महिलाओं को मतदान के लिए प्रेरित किया। स्वच्छता और बुनियादी सुविधाओं जैसे पानी, बिजली और शौचालयों का प्रभाव भी महिला वोटिंग पर सकारात्मक रहा।
प्रमुख योजनाओं का प्रभाव
राज्य स्तरीय योजनाओं का भी मतदान पर महत्वपूर्ण असर पड़ा। महाराष्ट्र की लाडकी बहिन योजना ने सर्वाधिक 52.8 लाख महिला वोटरों को आकर्षित किया। इसके बाद बंगाल की लक्ष्मी भंडार योजना (29.1 लाख), मध्य प्रदेश की लाडली बहना योजना (28.3 लाख), और झारखंड की मंईयां सम्मान योजना (17 लाख) का स्थान रहा।
योजना का नाम | राज्य | वर्ष | मतदान वृद्धि |
लाडकी बहिन | महाराष्ट्र | 2024 | 52.8 लाख |
लक्ष्मी भंडार | बंगाल | 2021 | 29.1 लाख |
लाडली बहना | मप्र | 2023 | 28.3 लाख |
मंईयां सम्मान | झारखंड | 2024 | 17.0 लाख |
मगालियर उर्मिल | तमिलनाडु | 2023 | 15.6 लाख |
गृह लक्ष्मी योजना | कर्नाटक | 2023 | 13.7 लाख |
महिला उद्यमिता | असम | 2024 | 13.0 लाख |
2024 चुनाव में महिला मतदाता
एसबीआई के शोध (SBI Research Report) में यह बताया गया कि 2019 के मुकाबले 2024 में महिला मतदाताओं की संख्या में 1.8 करोड़ की वृद्धि होगी, और इसका मुख्य कारण महिला केंद्रित योजनाओं का कार्यान्वयन है। इसके अलावा, यह भी सुझाव दिया गया कि चुनाव आयोग को अनुपस्थित मतदान प्रणाली को लागू करना चाहिए, जिससे अधिक नागरिक अपने वोट का प्रयोग कर सकें।
एसबीआई की रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि महिला केंद्रित योजनाएं महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ मतदान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जिससे लोकतंत्र में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित होती है।
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दिल्ली में भी महिला योजना लाने की है तैयारी
दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये देने का वादा किया है। कांग्रेस भी महिलाओं को 2500 रुपये प्रति माह देने का प्रस्ताव दे चुकी है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा भी मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में अपनी योजनाओं की सफलता के बाद दिल्ली के लिए ‘लाडकी बहना’ जैसी कोई योजना लागू करने की तैयारी कर रही है।
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