Singrauli Angithi Smoke Death Case: सिंगरौली जिले के बरगवां थाना क्षेत्र से एक बड़ी खबर सामने आई है। नेशनल हाईवे के गोंदवाली गांव के पास स्थित केजीएफ फैमिली रेस्टोरेंट में काम करने वाले दो नाबालिग कर्मचारियों के शव आज सुबह ढाबे की पहली मंजिल पर बने कमरे में मिले। दोनों नाबालिग आदिवासी बैगा समुदाय से ताल्लुक रखते थे और ढाबे में काम करते थे। बरगवां थाना प्रभारी शिवपूजन मिश्रा ने बताया कि मिथुन बैगा और बबुंदर बैगा नाम के ये दोनों कर्मचारी रात में खाना खाने के बाद ढाबे के ऊपर बने सर्वेंट क्वार्टर में सोने गए थे।
सुबह गेट नहीं खोलने पर पुलिस को बुलाया
आज सुबह 8 बजे होटल खोलने के लिए जब दोनों को आवाज दी गई, तो वे जवाब नहीं दे रहे थे। ढाबा के मालिक मानसिंह वैस को यह अजीब लगा कि दोनों क्यों नहीं आए। जब वे ऊपर उनके कमरे में गए, तो देखा कि दोनों युवक उल्टे मुंह जमीन पर गिरे हुए थे। शक होने पर मालिक ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घटनास्थल की जांच शुरू की।
दम घुटने से हुई दोनों की मौत
पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री ने जानकारी दी कि घटनास्थल का निरीक्षण करने पर ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों युवकों की मौत दम घुटने से हुई है। थाना प्रभारी ने बताया कि रात में दोनों ने कमरे में कोयले की सिगड़ी जलाकर रखी थी, जिससे निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस के कारण उनकी मौत हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है।
अंगीठी या सिगड़ी जलाने से क्यों होती है मौत
दरअसल बंद कमरे में अंगीठी जलाकर सोने से कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस का स्तर तेजी से बढ़ जाता है, जो सांस के जरिए शरीर में प्रवेश कर खून में घुल जाती है। खून में कार्बन मोनोऑक्साइड के मिलने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। यह गैस फेफड़ों और दिमाग पर गहरा प्रभाव डालती है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है। इसका असर दिमाग पर पड़ने से बेहोशी या हार्ट ब्लॉक की स्थिति भी पैदा हो सकती है। जिससे कमरे में मौजूद लोगों की जान चली जाती है।
कैसे करें बचाव
सिगड़ी या अंगीठी ऐसी जगह जलाएं जहां से वेंटिलेशन की व्यवस्था हो। ताकि धुंआ एक जगह न भरा रहे और बाहर निकल सके। साथ ही रात में सोने से पहले अंगीठी को बुझा दें जिससे कमरे के भीतर कार्बन की मात्रा न बड़े।