MP High Court Judge Security: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में सरकार ने न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा के लिए उठाए कदमों को लेकर रिपोर्ट पेश की है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ और जस्टिस विवेक जैन ने अपने आदेश में कहा कि हर जिले और तहसील स्तर के निगरानी प्रकोष्ठों का भौतिक निरीक्षण कर सत्यापित करें कि रिपोर्ट सही है या नहीं। इस केस की सुनवाई के लिए 2 महीने बाद की तारीख तय की गई है।
23 जुलाई 2016 को जज के साथ हुई थी मारपीट
मंदसौर जिले में 23 जुलाई 2016 को हाईवे पर न्यायाधीश राजवर्धन गुप्ता के साथ मारपीट हुई थी। इस मामले की जांच रिपोर्ट मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार जनरल मनोहर ममतानी ने हाईकोर्ट में पेश की थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट ने न्यायाधीशों और उनके परिवारों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने का आदेश दिया था।
हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार से मांगी थी रिपोर्ट
हाईकोर्ट ने याचिका पर राज्य सरकार से मांग की थी कि वह प्रदेश के कोर्ट परिसरों के चारों ओर ऊंची बाउंड्रीवॉल, कोर्ट परिसर में पुलिस चौकियां और जजों के आवासीय क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था के बारे में स्टेटस रिपोर्ट पेश करें।
ये खबर भी पढ़ें: श्योपुर में कलेक्टर का एक्शन: 10 प्रतिशत से ज्यादा फीस बढ़ाने वाले 25 स्कूलों पर 50-50 हजार का जुर्माना
स्टेटस रिपोर्ट और हाईकोर्ट के जवाब में अंतर
शनिवार को सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने देखा कि पहले दी गई स्टेटस रिपोर्ट और हाईकोर्ट के जवाब में फर्क था। इसके बाद राज्य सरकार ने बिना शर्त माफी मांगते हुए कहा कि हलफनामा दायर करने और हाईकोर्ट के जवाब के बीच समय के कारण आंकड़ों में अंतर हो सकता है।
ये खबर भी पढ़ें: दुनिया के वो देश जहां रहना है सबसे महंगा!