Saurabh Sharma IT Raid: मध्यप्रदेश के बहुचर्चित 52 किलो सोना मिलने के मामले के आरोपी सौरभ शर्मा (परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक) की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई है। भोपाल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने गुरुवार को सौरभ की याचिका पर फैसला सुनाया। सौरभ के वकील राकेश पाराशर ने गुरुवार को अग्रिम जमानत याचिका फाइल की थी और आज ही सुनवाई का अनुरोध किया। जिस पर जज ने फैसला सुनाया।
यहां बता दें, सौरभ शर्मा के नजदीकी चेतन गौर की कार में मेंडोरा के जंगल में 52 किलो सोना मिलने के बाद लोकायुक्त पुलिस, आयकर विभाग की लगातार रेड की कार्रवाई जारी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सौरभ शर्मा के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी कर दिया है।
सौरव शर्मा के वकील ने अदालत में अपनी दलील में बताया कि आरोपी लोक सेवक नहीं है, उसे अग्रिम जमानत का मिलना चाहिए। जज ने अपने आदेश में उसे लोक सेवक मानते हुए और अपराध की गंभीरता को देखते हुए अग्रिम जमानत देने से मना कर दिया।
वकील ने लोकायुक्त पुलिस कार्रवाई पर उठाए सवाल
सौरभ के वकील राकेश पाराशर ने लोकायुक्त पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा, लोकायुक्त की कार्रवाई को न्याय संगत नहीं है। पाराशर के मुताबिक, सौरभ लोकसेवक नहीं है। इसके बाद भी लोकायुक्त ने उसके घर छापामारी कार्रवाई की। यह कार्रवाई पूरी तरह से गलत है। जिस कार में सोना मिला, वो भी उसके नाम नहीं है। इस सोने से भी सौरभ शर्मा का कोई लेना-देना नहीं है।
‘सौरभ को जमानत मिले जिससे उसका पक्ष सामने आ सके’
वकील पाराशर का कहना है कि हम चाहते हैं कि हमें अग्रिम जमानत का फायदा मिले, जिससे हम पूरी मजबूती के साथ सामने आएं और अपनी बात या पक्ष को रख सकें। हम जांच में पूरी तरह से सहयोग करने को तैयार हैं। जहां हिसाब देना होगा, वो भी देंगे। इससे साफ हो जाएगा कि सौरभ के पास बरामद माल कहां से और कैसे आया है?
लोकायुक्त पुलिस ने 19 दिसंबर को मारा था छापा
लोकायुक्त पुलिस ने 19 दिसंबर को आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के घर और ऑफिस पर छापा मार कार्रवाई की थी। लोकायुक्त को 2.95 करोड़ रुपए कैश, करीब दो क्विंटल वजनी चांदी की सिल्लियां, सोने-चांदी के जेवरात और कई प्रापर्टी के कागजात मिले थे।
गुरुवार यानी 19 दिसंबर की रात को ही भोपाल के मेंडोरी के जंगल में एक कार से 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए कैश मिले थे। ये कार सौरभ के दोस्त चेतन सिंह की थी। जिसके बाद जब्त सोना और कैश के तार सौरभ से जोड़ने लगे और ईडी (ED) ने सौरभ के खिलफ केस भी दर्ज किया।
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