SAMPADA 2.0 Software: साल 2025-26 के लिए कलेक्टर गाइडलाइन पहली बार संपदा-2 सॉफ्टवेयर की मदद से तैयार की जाएगी। यह प्रक्रिया आधुनिक तकनीक और एआईआर (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रेसोर्स) के उपयोग से अधिक सटीक और पारदर्शी बनेगी। कार्यालय महानिरीक्षक पंजीयन ने सभी जिलों के कलेक्टरों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी कर दिए हैं। नई गाइडलाइन समयसीमा के भीतर तैयार कर जनता के सुझावों के साथ अंतिम रूप दी जाएगी।
प्रक्रिया के लिए तय समयसीमा
15 जनवरी 2025: उप जिला मूल्यांकन समिति को मूल्य प्रस्ताव तैयार कर जिला मूल्यांकन समिति को भेजना होगा।
30 जनवरी 2025: जिला मूल्यांकन समिति को जनता से सुझाव लेकर उन पर विचार करना होगा।
15 फरवरी 2025: अंतिम मूल्य केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड को भेजे जाएंगे।
31 मार्च 2025: केंद्रीय बोर्ड की मंजूरी के बाद नई कलेक्टर गाइडलाइन जारी होगी।
राजस्व में दोगुना इजाफा
रजिस्ट्री के माध्यम से राज्य के राजस्व में पिछले पांच वर्षों में दोगुने की वृद्धि हुई है। 2018-19 में जहां यह 661.44 करोड़ था, वहीं, 2022-23 में यह बढ़कर 1158.49 करोड़ पहुंच गया। राजस्व में यह वृद्धि संपत्ति और भूमि की खरीद-बिक्री में वृद्धि का संकेत देती है। नई गाइडलाइन और तकनीकी सुधार से आने वाले वर्षों में यह आंकड़ा और बढ़ने की उम्मीद है।
पिछली गाइडलाइन में रही थी खामियां
2024-25 की गाइडलाइन का प्रस्ताव 12 मार्च 2024 को केंद्रीय मूल्यांकन समिति को भेजा गया था। लेकिन, दावे और आपत्तियां केवल औपचारिकता बनकर रह गई थीं। इस बार जनता की भागीदारी को अधिक महत्व दिया जाएगा और सुझावों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
नई कलेक्टर गाइडलाइन की तैयारी में तकनीक और पारदर्शिता को प्राथमिकता दी जा रही है। संपदा-2 सॉफ्टवेयर (SAMPADA 2.0 Software) के उपयोग से न केवल प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि इससे राजस्व संग्रहण में भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा। जिला प्रशासन और जनता के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए तय समयसीमा का पालन आवश्यक है।
संपदा-2 सॉफ्टवेयर का महत्व
इस बार गाइडलाइन तैयार करने में संपदा-2 सॉफ्टवेयर (SAMPADA 2.0 Software) का उपयोग किया जाएगा, जिससे डाटा संग्रहण और विश्लेषण की प्रक्रिया तेज और सटीक होगी। एआईआर तकनीक के जरिए भूमि और संपत्तियों के मूल्यांकन में त्रुटियों की संभावना कम होगी, जिससे पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ेगी।
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संपदा-2.0 की खूबियां
- लोकेशन के माध्यम से जमीन की कलेक्टर गाइडलाइन दर
- सॉफ्टवेयर से संपत्ति की जीआईसी मैपिंग
- बायोमैट्रिक पहचान और दस्तावेजों की फॉर्मेटिंग
- दस्तावेजों के पंजीयन के लिए व्यक्तिगत मौजूदगी की जरूरत नहीं
- घर बैठे ही दस्तावेज सत्यापन और पंजीकरण
- दस्तावेज की सॉफ्ट कॉपी व्हाट्सएप और ईमेल से आवेदक को प्राप्त हो जाती है।
- नागरिकों को ई-पंजीयन और ई-स्टाम्पिंग की नवीन प्रणाली का लाभ
- लोग घर बैठे अपनी प्रापर्टी को बेच भी सकेंगे और रजिस्ट्री करा सकेंगे
- इस system से worldwide ऑनलाइन रजिस्ट्रियाँ
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