(रिपोर्ट- प्रशांत शर्मा)
Morena News: मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में किसानों का दर्द गहराता जा रहा है। एक तरफ खाद और बीज के लिए संघर्ष करते किसान, तो दूसरी तरफ अपनी मेहनत की फसल को बेचने के लिए भी उन्हें असहनीय परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
धान बेचने के लिए समय किस दूर दराज गांव से कृषि उपज मंडी पहुंचते हैं। जहां व्यापारियों के द्वारा उनकी धान की बोली फसल की बोली लगाई जाती है, लेकिन दम सही नहीं मिलने पर किसान अपनी फसल अच्छे दाम में बेचने का इंतजार करते है।
किसानों को फसल का नहीं मिल रहा सही दाम
कृषि उपज मंडियों में किसानों को फसल का सही दाम नहीं मिल रहा, जिससे मजबूरन उन्हें कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता है। हालात ऐसे हैं कि ठिठुरती सर्द रातों में किसानों को खुले आसमान के नीचे अपनी ट्रॉली में सोने पर मजबूर होना पड़ता है।
रैन बसेरा बंद रहते हैं
सरकार की ओर से किसानों के लिए रैन बसेरे बनाने के बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। कृषि उपज मंडियों में बने रैन बसेरे अक्सर बंद पड़े रहते हैं। कृषकों को न तो कोई सुविधा दी जाती है और न ही उनकी समस्याओं की कोई सुनवाई होती है।
किसानों की पीड़ा
किसान कहते हैं कि प्रशासन हर साल रैन बसेरे चलाने के नाम पर लाखों रुपये खर्च होने की बात करता है, लेकिन इसका फायदा किसी को नहीं मिलता। नतीजा यह होता है कि किसान अपनी ट्रॉली में सर्द रात गुजारते हैं। न गर्म पानी, न कंबल, और न ही खाने-पीने की कोई व्यवस्था।
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पहिया फंसने से भूसे से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटी
हाईवे 552 के गड्ढों में टायर फंसने से मंगलवार को भूसे से भरा ट्रैक्टर-ट्रॉली जौरा सड़क पर पलट गया। इससे वाहनों को वहां से निकलने में परेशानी हुई। मुरैना में एमएस रोड स्थित सोलंकी पेट्रोल पंप से लेकर मैदा फैक्टरी तक हाईवे के उखड़े हिस्से को बनाने का कार्य 17 करोड़ रुपये से कराया जा रहा है।
काम की गति धीमी होने के कारण गड्ढों में गिट्टी और मिट्टी भराने का कार्य शुरू नहीं हुआ। इस कारण हाईवे से गुजर रहा भूसे से भरा ट्रैक्टर-ट्रॉली रोड के गड्ढों में फंसकर पलट गया।