New Year Mahakal Darshan: नए साल के अवसर पर श्री महाकालेश्वर मंदिर में 31 दिसंबर और 1 जनवरी को भक्तों की भारी भीड़ जुटने की संभावना है। प्रशासन ने दर्शन को सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए विशेष योजना तैयार की है। मंदिर प्रशासन के मुताबिक, इन दिनों करीब 10 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों से निगरानी की जाएगी।
पार्किंग और यातायात की विशेष व्यवस्था
यातायात पुलिस ने 12 मार्गों को प्रतिबंधित करने और 11 स्थानों पर पार्किंग व्यवस्था करने का निर्णय लिया है।
- इंदौर, देवास, मक्सी मार्ग: हरिफाटक चौराहा होते हुए कर्कराज पार्किंग और भील समाज धर्मशाला पार्किंग का उपयोग किया जाएगा।
- बड़नगर मार्ग: वाहन मोहनपुरा ब्रिज और भेरूपुरा तिराहे के पास पार्क होंगे।
- नागदा मार्ग: कार्तिक मेला मैदान और तेली समाज मैदान में पार्किंग उपलब्ध होगी।
- आगर मार्ग: वाहन जूना सोमवारिया से सदावल मार्ग पर राठौर क्षत्रीय तेली समाज मैदान में पार्क होंगे।
- इमरजेंसी पार्किंग: प्रशांति धाम चौराहा और शनि मंदिर मैदान को वैकल्पिक पार्किंग के रूप में उपयोग किया जाएगा।
वाहन प्रतिबंधित मार्ग
हरिफाटक टी से महाकाल घाटी चौराहा की ओर वाहनों का प्रवेश 31 दिसंबर की शाम चार बजे से पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। हरिफाटक टी से इंटरप्रिटेशन की तरफ वाहनों का प्रवेश बंद रहेगा। जंतर-मंतर से जयसिंहपुरा, चारधाम पार्किंग की ओर वाहनों का प्रवेश बंद रहेगा।
शंकराचार्य चौराहे से नृसिंहघाट की ओर, शंकराचार्य चौराहे से दानीगेट की ओर, भूखी माता टर्निंग से नृसिंहघाट की तरफ वाहन का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। दौलतगंज से लोहे का पुल तरफ वाहन नहीं जा सकेंगे।
प्रशासन की अपील
पुलिस प्रशासन ने ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों के जरिए भीड़ और यातायात पर नजर रखने की व्यवस्था की है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पुलिस बल पूरी तरह मुस्तैद रहेगा। यातायात डीएसपी विक्रम कनपुरिया ने श्रद्धालुओं (New Year Mahakal Darshan) से अपील की है कि वे पार्किंग प्लान समझकर ही उज्जैन आएं। प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत योजना बनाई है कि भक्तों को दर्शन के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
महाकाल मंदिर में दर्शन की लोकप्रियता
श्री महाकालेश्वर मंदिर (New Year Mahakal Darshan), भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, नए साल के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक आस्था का केंद्र बन जाता है। यह योजना न केवल दर्शन को सुगम बनाएगी बल्कि उज्जैन की व्यवस्था का एक उदाहरण भी प्रस्तुत करेगी।
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