Rashtriya Kayastha Mahasamagam: यूपी के कानपुर में राष्ट्रीय कायस्थ महासमागम का भव्य शुभारंभ हुआ। निराला नगर के रेलवे ग्राउंड में ये महासमागम 2 दिनों तक चलेगा। उत्तर प्रदेश सरकार के वन मंत्री अरुण सक्सेना ने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
वन मंत्री अरुण सक्सेना ने दी शुभकामनाएं
वन मंत्री ने कायस्थ समागम की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 1952 के यूपी असेंबली के पहले चुनाव में कायस्थ समाज के 50 विधायक थे, वहीं 2022 के चुनाव में मात्र 3 विधायक कायस्थ समाज के बचे। भाजपा से उपचुनाव में कायस्थ वर्ग के 2 सदस्य जीते। समाज के विधायकों की संख्या 5 हो गई है। सरकारी नौकरियों में समाज के 40 प्रतिशत लोग थे, आज उनकी संख्या 4 प्रतिशत बची है।
वन मंत्री बोले- 4 चीजों से होगी समाज की तरक्की
कार्यक्रम संयोजक और राष्ट्रीय अध्यक्ष मयंक श्रीवास्तव समेत कायस्थ समाज के लोगों ने मुख्य अतिथि वन मंत्री अरुण सक्सेना का माला पहनाकर सम्मान किया। इस कायस्थ समागम में वन मंत्री ने एक स्मारिका का भी विमोचन किया। वन मंत्री ने कहा कि समाज को तरक्की करनी है तो दूरदृष्टि, कड़ी मेहनत, पक्का इरादा और ईमानदारी, इन 4 चीजों से लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
‘कायस्थ समाज का गौरवशाली अतीत’
वन मंत्री अरुण सक्सेना ने कहा कि कायस्थ समाज का अतीत बहुत गौरवशाली रहा है। हमारे समाज ने बहुत बड़े-बड़े लोगों को जन्म दिया है। अध्यात्म के क्षेत्र में स्वामी विवेकानंद का नाम किसी परचिय के मोहताज नहीं है। शिकागो में स्वामी विवेकानंद की स्पीच और धर्म के प्रचार का कोई मुकाबला नहीं है।
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मुंशी प्रेमचंद का कोई सानी नहीं
समाज सेवा में राजाराम मोहन राय ने सती प्रथा पर रोक लगाई। उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद्र का कोई सानी नहीं है। उन्होंने दिल को छूने वाले प्ररेणादायक उपान्यास लिखे। आर्यभट्ट और सीवी रमन जैसे वैज्ञानिक देश को कायस्थ समाज ने दिए हैं।
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