UP Kisan Samman Diwas: उत्तरप्रदेश के लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री और ‘भारत रत्न’ चरण सिंह चौधरी की 122 वीं जयंती मनाई गई। बता दें साल 2002 से चौधरी चरण सिंह की जयंती को ‘किसान सम्मान दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने किसानों का सम्मान भी किया। साथ ही चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि दी। योगी आदित्यनाथ ने किसानों के सम्मान के साथ-साथ उच्चतम फसल उगाने वाले सफल किसानों कि तारीफ भी की है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने किसानों की तारीफ करते हुए कहा कि- किसानों का पुरुषार्थ प्रेरणादायी है”।
एक हेक्टेयर में की 79 क्विंटल गेहूं की खेती
सीएम ने उच्चतम फसल वाले किसानों को सम्मानित करते हुए कहा कि इनका पुरुषार्थ प्रेरणादायक है और यह साबित करता है कि खेती घाटे का सौदा नहीं है। ईमानदारी और मेहनत से खेती करने पर इसके सुखद परिणाम मिलते हैं।
उन्होंने गोरखपुर के श्याम दुलारे यादव ने एक हेक्टेयर खेती में 79 क्विंटल गेहूं उत्पादन और रायबरेली के फूलचंद की 44.12 क्विंटल फसल का उल्लेख किया। जालौन के हेमंत कुमार ने 45 क्विंटल मटर, और पीलीभीत के सिंगार सिंह ने 28.40 क्विंटल सरसों का उत्पादन किया।
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अन्य किसानों में राजीव कुमार, नंदलाल, श्रीरामबचन, और मथुरा के महेश चंद शामिल रहे, जिन्होंने उच्च पैदावार की मिसाल पेश की। सीएम ने इनकी सफलता की कहानी अन्य किसानों तक पहुंचाने का निर्देश दिया और कृषि विभाग को उनके तरीकों को कृषि विज्ञान केंद्रों में प्रचारित करने की सलाह दी, ताकि अधिक किसान प्रेरित होकर आधुनिक और लाभकारी खेती अपनाएं।
प्रदेश में प्राकृतिक खेती को लेकर नए आयाम
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें खेती की लागत को घटाने और विषमुक्त खेती की दिशा में कदम बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि धरती को हम मां कहते हैं, लेकिन उसकी सेहत की देखभाल में कमी कर रहे हैं।
इसे सुधारने के लिए हमें आधुनिक तकनीकों का उपयोग, प्रशिक्षण और जानकारी को अपनाना होगा। वर्तमान में प्रदेश में लगभग सवा लाख एकड़ क्षेत्रफल में प्राकृतिक खेती की जा रही है, लेकिन इसे और बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि आने वाली पीढ़ियों का भविष्य उज्ज्वल और सुरक्षित बनाया जा सके।
आमदनी बढ़ाने को सरकार ने की पहल
सीएम ने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने साढ़े सात वर्ष में 23 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा दी। 14 लाख निजी नलकूपों को प्रदेश सरकार द्वारा फ्री में विद्युत उपलब्ध कराया जा रहा है।
इसके एवज में दो से ढाई हजार करोड़ रुपये प्रतिवर्ष सरकार अपने पास से पैसा दे रही है। पहले से लगे ट्यूबवेल को सोलर पैनल से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकें, इसके लिए भी केंद्र व प्रदेश सरकार की तरफ से कई पहल की गई है।