Van Vihar Bhopal: मध्यप्रदेश और गुजरात के बीच 16 साल बाद शेर और बाघ के आदान-प्रदान पर बात बन गई है। गुजरात के गिर से लॉयन का जोड़ा भोपाल आ चुका है। वहीं एमपी के टाइगरों को गुजरात भेजा जा रहा है।
अब गुजरात के लॉयन की दहाड़ भोपाल के वन विहार में सुनाई देगी। शेरों का दीदार किया जा सकेगा। बता दें पिछले 16 सालों से इस मुद्दे पर चर्चा हुई। जिस पर अब जाकर सहमति बनी है। मानी और चार साल के युवा सिंह का जोड़ा दिया गया है। इसके बदले में बांधवगढ़ नेशनल पार्क से टाइगर बी-2 और बाघिन बंदनी को सक्करबाग चिड़ियाघर भेजा गया है।
वन विहार में आए शेर
वन विहार पार्क में जूनागढ़ से शेर आ चुके हैं। एक नर और एक मादा शेरनी है। लॉयल के जोड़े को लाने के लिए वन विहार पार्क की टीम जूनागढ़ गई थी। वन विहार ने शेरों के हिसाब से पूरी तैयारियां पहले ही कर ली थीं।
एनिमल एक्सेंज के तहत लाया जा रहा
जूनागढ़ से शेर के जोड़े को एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत भोपाल लाया गया है। एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम में जानवरों की अदला-बदला होती है। जहां एक प्रदेश के वन्य प्राणी को दूसरे राज्य में लाया जाता है। एमपी के बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान से टाइगर का एक जोड़ा जूनागढ़ भेजा गया है।
2006 से चल रही थी शेरों को लाने की कोशिश
बता दें 2006 से गिर के शेरों को लाने का प्रयास किया जा रहा था। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के निर्देश के बाद गुजरात वन विभाग और चिड़ियाघर प्रबंधन ने युवा बाघों के बदले बूढ़े लॉयन देने की पेशकश की थी। तब वन विहार प्रबंधन ने प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।
भोपाल वन विहार में कितने शेर हैं ?
वन विहार भोपाल में तीन शेर हैं। जिसमें एक नर सत्या और दो शेरनी गंगा और नंदी हैं। नंदी और सत्या को बिलासपुर के कानन चिड़ियाघर से लाया गया था।
बढ़ सकता है शेरों का कुनबा
एमपी सरकार लगातार गिर से शेरों को लाने का प्रयास कर रही थी। जूनागढ़ से आ रहे सिंह के जोड़े से ब्रीडिंग प्रोग्राम बढ़ेगा। मादा सिंह गंगा को नया साथी मिलेगा। वहीं, जूनागढ़ की मादा शेरनी को नया दोस्त सिंह सत्या मिलेगा।
गुजरात के शेर क्यों प्रसिद्ध हैं?
गिर नेशनल पार्क दुनिया भर में एशियाटिक शेरों का घर है। ये सिंह दुनिया भर की विलुप्त होने वाली प्रजातियों में से एक है। इनका संरक्षण करना गिर नेशनल पार्क का उद्देश्य है। ये इलाका 1412 स्क्वेयर किमी तक फैला है। ये वेरावल और जूनागढ़ के बीच है। इस जंगल के साथ छेड़छाड़ नहीं की गई है। यहां सिंह के अलावा कई जानवरों और पक्षियों की प्रजातियां हैं।
गांव में खुलेआम घूमते हैं शेर
सासन गिर, गिर राष्ट्रीय उद्यान और जूनागढ़ शहर के बीच स्थित एक गांव है। नेशनल पार्क के पास होने से गांव में शेरों का आना-जाना लगा रहता है। यहां ग्रामिणों के लिए यह सामान्य घटना बन चुकी है। यहां सिंह न तो किसी को नुकसान पहुंचाते हैं न ही गांव के लोग उनसे डरते हैं। सासन गिर गांव का आकर्षण गिर नेशनल पार्क है। यहां आने के लिए परमिट लेना पड़ता है।
यह भी पढ़ें-
पन्ना टाइगर रिजर्व में 1 साल बाद आए नन्हें मेहमान, बाघिन P141 के 4 शावकों को देख बन जाएगा आपका दिन
शहडोल में चरवाहे पर टाइगर ने किया हमला, फिर गायों ने इस तरह बचाई मालिक की जान