MP Nursing Council Chairman Registrar: मध्यप्रदेश नर्सिंग घोटाले में सरकार ने आखिरकार बड़ा एक्शन लिया है। हाईकोर्ट की फटकार के बाद नर्सिंग काउंसिल के चेयरमैन डॉ. जितेन चंद्र शुक्ला और रजिस्ट्रार अनीता चांद को पद से हटा दिया गया है। मनोज सरियाम को नर्सिंग काउंसिल चेयरमैन और कृष्ण कुमार रावत को रजिस्ट्रार का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
अनीता चांद ने की थी गड़बड़ी
तत्कालीन इंस्पेक्टर अनीता चांद ने 2021-22 में भोपाल के RKS कॉलेज को अपात्र होने के बाद भी सूटेबल बताया था। हाईकोर्ट में लगाई याचिका में आरोप लगाया गया है कि रिपोर्ट दिखाकर कॉलेज को मान्यता दिलाने में मदद करने वाली अनीता चांद को गड़बड़ी पर कार्रवाई की बजाय पुरस्कृत करते हुए नर्सिंग काउंसिल का रजिस्ट्रार बना दिया गया था। हाईकोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल के चेयरमैन डॉ. जितेन चंद्र शुक्ला और रजिस्ट्रार अनीता चांद को पद से हटाने का आदेश दिया था।
हाईकोर्ट के आदेश का नहीं हुआ था पालन
बहुचर्चित नर्सिंग घोटाले में आदेश का पालन नहीं होने पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई थी। इस पर सरकार की ओर से अभिवचन दिया गया था कि 24 घंटे के भीतर आदेश का पालन कर दिया जाएगा। इसके साथ ही सरकार ने पूर्व आदेश पर पुनर्विचार करने के लिए प्रस्तुत आवेदन भी वापस ले लिया था।
हाईकोर्ट ने 12 दिसंबर को दिया था आदेश
नर्सिंग फर्जीवाड़े मामले में गुरुवार को लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की जनहित याचिका के साथ सभी मामलों पर सुनवाई हुई थी। याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट के समक्ष आवेदन पेश करके बताया गया था कि हाईकोर्ट ने 12 दिसंबर को नर्सिंग काउंसिल के चेयरमैन और रजिस्ट्रार को तत्काल हटाने के निर्देश दिए थे। उस आदेश का पालन नहीं करते हुए मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव द्वारा दोषी अधिकारियों को संरक्षण दिया जा रहा है।
आदेश में संशोधन की थी मांग
सरकार और नर्सिंग काउंसिल की ओर से महाधिवक्ता ने आवेदन पेश कर हाईकोर्ट से उस आदेश में संशोधन करने की मांग की जिसमें चेयरमैन और रजिस्ट्रार को हटाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कोर्ट से अनुमति मांगी कि सत्र 2024-25 की प्रक्रिया पूर्ण होने तक अधिकारियों को यथावत पदस्थ रखने दिया जाए।
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हाईकोर्ट ने लगाई थी फटकार
हाईकोर्ट ने इस पर भारी नाराजगी व्यक्त करते हुए कड़ी फटकार लगाई और मौखिक रूप से कहा कि पूर्व की गड़बड़ियों में लिप्त अधिकारियों को काउंसिल में पदस्थ नहीं रखा जा सकता। इस पर सरकार ने आवेदन वापस ले लिया और आदेश का पालन करने एक दिन की मोहलत मांगी थी।
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