Amit Shah Ambedkar Controversy: राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अंबेडकर पर दिए बयान पर सियासत गरमा गई है। विपक्ष अमित शाह के इस्तीफे की मांग कर रहा है। गृह मंत्री ने दिल्ली बीजेपी ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पलटवार किया है। गृह मंत्री ने कहा कि दोनों सदनों में संविधान की गौरव गाथा पर चर्चा होनी थी। संसद में जब चर्चा होती है तो एक बात कॉमन होती है कि तथ्यों पर बात होनी चाहिए। मगर कांग्रेस कल से तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है। यह निंदनीय है।
‘मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया’
गृह मंत्री ने सफाई दी कि राज्यसभा में कांग्रेस ने मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। इससे पहले उन्होंने PM नरेन्द्र मोदी के बयानों को एडिट करके सार्वजनिक किया था। जब चुनाव चल रहे थे तो मेरे बयान को AI का उपयोग करके संपादित किया गया था। आज वे मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं।
अंबेडकर के सिध्दांतों पर चलती है बीजेपी
गृह मंत्री शाह ने कहा कि मैं मीडिया से भी अनुरोध करना चाहता हूं कि वो मेरा पूरा बयान जनता के सामने रखें। मैं उस पार्टी से हूं जो अंबेडकर जी का कभी अपमान नहीं कर सकती। पहले जनसंघ और फिर भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा अंबेडकर जी के सिद्धांतों पर चलने का प्रयास किया है। जब भी भारतीय जनता पार्टी सत्ता में रही, हमने अंबेडकर जी के सिद्धांतों का प्रचार-प्रसार किया है। भारतीय जनता पार्टी ने आरक्षण को मजबूत करने का काम किया है।
गृह मंत्री शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष से क्या कहा
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि मैं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जी से भी ये कहना चाहता हूं कि आपको कांग्रेस के इस कुत्सित प्रयास का समर्थन नहीं करना चाहिए था। मुझे बहुत दुख है कि राहुल गांधी के दबाव में आप भी इसमें शामिल हो गए।
‘बात तथ्य और सत्य के आधार पर होनी चाहिए’
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि विगत सप्ताह में संसद में लोकसभा और राज्यसभा में संविधान को स्वीकार किए हुए 75 साल के मौके पर संविधान की रचना, संविधान निर्माताओं के योगदान और संविधान में प्रस्थापित किए गए आदर्शों पर एक गौरवमयी चर्चा का आयोजन हुआ। इस चर्चा में 75 साल की देश की गौरव यात्रा, विकास यात्रा और उपलब्धियों की भी चर्चा होनी थी। ये तो स्वाभाविक है कि जब लोकसभा और राज्यसभा में पक्ष-विपक्ष होते हैं, तो हर मुद्दे पर लोगों का, दलों का और वक्ताओं का नजरिया अलग-अलग होता है। मगर संसद जैसे देश के सर्वोच्च लोकतांत्रिक फोरम में जब चर्चा होती है, तब इसमें एक बात कॉमन होती है कि बात तथ्य और सत्य के आधार पर होनी चाहिए।
तथ्य तोड़-मरोड़ कर रखने का प्रयास
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कल से कांग्रेस ने जिस प्रकार तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर रखने का प्रयास किया है वो निंदनीय है। मैं इसकी निंदा करना चाहता हूं। ये इसलिए हुआ क्योंकि भाजपा के वक्ताओं ने संविधान पर, संविधान की रचना के मूल्यों पर और जब-जब कांग्रेस या भाजपा का शासन रहा, तब शासन ने संविधान के मूल्यों का किस तरह से मूल्यांकन, संरक्षण और संवर्धन किया, इस पर तथ्यों और अनेक उदाहरण के साथ भाजपा के वक्ताओं ने विषय रखे।
शाह बोले- कांग्रेस आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इससे तय हो गया कि कांग्रेस आंबेडकर जी की विरोधी पार्टी है, कांग्रेस आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने सावरकर जी का भी अपमान किया, कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर संविधान के सारे मूल्यों की धज्जियां उड़ा दी, नारी सम्मान को भी वर्षों तक दरकिनार किया, न्यायपालिका का हमेशा अपमान किया, सेना के शहीदों का अपमान किया और भारत की भूमि तक को संविधान तोड़कर दूसरे देशों को देने की हिमाकत कांग्रेस के शासन में हुई।
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शाह बोले- कांग्रेस ने बाबा साहब का विरोध किया
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब संसद में चर्चा चल रही थी, तो यह साबित हो गया कि कांग्रेस ने किस तरह बाबा साहब अंबेडकर का विरोध किया। किस तरह कांग्रेस ने बाबा साहेब की मृत्यु के बाद भी उनका मजाक उड़ाने की कोशिश की। जहां तक भारत रत्न देने की बात है, कांग्रेस के नेताओं ने कई बार खुद को भारत रत्न दिया है। नेहरू जी ने 1955 में खुद को भारत रत्न दिया, इंदिरा गांधी ने 1971 में खुद को भारत रत्न दिया और बाबा साहब को 1990 में भारत रत्न मिला, जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में नहीं थी और भारतीय जनता पार्टी द्वारा समर्थित सरकार थी। अंबेडकर के प्रति नेहरू की नफरत जगजाहिर है।
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