DIGI-EXAM System: नीट पेपर लीक मामले के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित आर. राधाकृष्णन कमेटी ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के पुनर्गठन और संचालन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई सिफारिशें दी हैं। केंद्र सरकार ने इन सिफारिशों को सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किया है और इन्हें लागू करने का आश्वासन दिया है।
कमेटी ने परीक्षाओं में छात्रों की पहचान और सत्यापन के लिए एयरपोर्ट पर उपयोग किए जा रहे डिजी यात्रा सिस्टम की तर्ज पर डिजी एग्जाम सिस्टम (DIGI-EXAM System) विकसित करने का सुझाव दिया। यह प्रणाली छात्रों की बायोमेट्रिक पहचान और सटीक सत्यापन सुनिश्चित करेगी।
NTA सिर्फ प्रवेश परीक्षाएं कराएगी
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने घोषणा की कि एनटीए केवल उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए परीक्षाएं (जैसे नीट, जेईई, सीयूईटी) आयोजित करेगी। भर्ती परीक्षाएं एनटीए के दायरे से बाहर होंगी। नीट के मोड (पेन-पेपर या कंप्यूटर बेस्ड) पर फैसला हेल्थ मिनिस्ट्री करेगी।
परीक्षा केंद्रों का स्थान और स्वरूप
सरकारी संस्थानों में केंद्र:
सभी टेस्टिंग सेंटर सरकारी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय परिसरों में बनाए जाएं। यदि किसी निजी संस्थान को केंद्र बनाया जाता है, तो उसका पुलिस और प्रशासन से सत्यापन अनिवार्य होगा।
हर जिले में केंद्र:
हर जिले में कम से कम एक टेस्टिंग सेंटर हो।
मोबाइल टेस्टिंग सेंटर:
कम आबादी वाले और दूरस्थ इलाकों के लिए 50-सीटर बसों में 30 लैपटॉप और सर्वर के साथ मोबाइल टेस्टिंग सेंटर स्थापित किए जाएं।
परीक्षाओं की सुरक्षा और पारदर्शिता
पेपर की संरचना:
हर परीक्षा के लिए तीन सेट पेपर तैयार हों। हर सेट में प्रश्नों और विकल्पों का क्रम अलग हो।
सीसीटीवी निगरानी:
पेपर की छपाई, स्टोरेज और परिवहन सभी प्रक्रियाओं पर सीसीटीवी निगरानी हो। फुटेज को कम से कम एक साल तक संरक्षित किया जाए।
हाइब्रिड मोड:
कंप्यूटर-असिस्टेड सिक्योर पेन-पेपर टेस्ट (सीपीपीटी) मोड अपनाने का सुझाव दिया गया है। इस मोड में प्रश्नपत्रों को टेस्टिंग सेंटर पर छापा जाएगा, जबकि उत्तर ओएमआर शीट पर लिए जाएंगे।
छात्र सहायता के लिए नई पहल
मानस हेल्पलाइन सेवा:
छात्रों के मानसिक तनाव को कम करने के लिए टेली-हेल्पलाइन सेवा शुरू करने का सुझाव।
ग्रीवांस सेल:
शिकायतों के समाधान के लिए ग्रीवांस रिपोर्टिंग और रिड्रेसल सेल स्थापित करने की सिफारिश।
एनटीए का पुनर्गठन और संचालन
10 नए वर्टिकल:
DIGI-EXAM System: डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, टेस्ट सिक्योरिटी, विजिलेंस और फोरेंसिक जैसे 10 नए विभाग बनाने का सुझाव।
पदों का सृजन:
एनटीए में तीन नए डायरेक्टर और आठ ज्वाइंट डायरेक्टर पदों की सिफारिश।
गवर्निंग कमेटी की समीक्षा:
गवर्निंग कमेटी (DIGI-EXAM System) के सदस्यों का कार्यकाल तीन साल का हो और हर तिमाही में बैठक सुनिश्चित की जाए।
नई प्रणाली से होने वाले लाभ
- छात्रों की पहचान और सत्यापन में पारदर्शिता बढ़ेगी।
- परीक्षाओं में गड़बड़ियों और पेपर लीक की घटनाओं पर रोक लगेगी।
- दूरस्थ इलाकों में छात्रों के लिए परीक्षा की पहुंच आसान होगी।
- मानसिक तनाव कम करने के लिए सहायता सेवाओं से छात्रों को लाभ मिलेगा।
आर. राधाकृष्णन कमेटी की ये सिफारिशें परीक्षाओं में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ एनटीए की दक्षता बढ़ाने में सहायक होंगी। केंद्र सरकार द्वारा इन सिफारिशों को लागू करने का निर्णय शिक्षा प्रणाली में एक बड़ा सुधार साबित होगा।
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