Chhattisgarh Police Bharti: छत्तीसगढ़ में पुलिस भर्ती विवाद में हाईकोर्ट के निर्देश के बाद फिर से इसकी भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसी के चलते छत्तीसगढ़ जिला पुलिस बल आरक्षक संवर्ग चयन परीक्षा 2023-24 को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। इसमें हाईकोर्ट की भर्ती (Chhattisgarh Police Bharti) पर लगी रोक हट गई है। इससे जो कैंडिडेट्स अपने दस्तावेजों का सत्यापन नहीं करा पाए थे, वे नई तारीख पर अब जांच करा सकेंगे। इसको लेकर अलग-अलग तारीख जारी की गई है।
हाईकोर्ट ने लगा दी थी रोक
CG पुलिस भर्ती प्रोसेस को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) ने 27 नवंबर 2024 को स्टे लगा दिया था। दुर्ग में जिला पुलिस बल आरक्षक भर्ती की प्रोसेस 16 नवंबर से शुरू की गई थी। यहां दुर्ग, बालोद और बेमेतरा तीन जिलों में खाली पदों पर भर्ती को लेकर प्रक्रिया जारी थी। तभी बिलासपुर हाईकोर्ट ने इस भर्ती पर रोक लगा दी थी।
8 दिसंबर के आगे के प्रवेश पत्र मान्य
इस मामले में हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) ने सुनवाई की। इसके बाद इस पुलिस भर्ती (Chhattisgarh Police Bharti) प्रक्रिया को संशोधित प्रावधान के साथ फिर से शुरू किए जाने का आदेश जारी किया। कोर्ट के आदेश के बाद 8 दिसंबर से दोबारा से भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बीच 8 दिसंबर और उसके आगे के प्रवेश पत्र को मान्य किया था। इधर 27 नवंबर से 8 दिसंबर के बीच जारी प्रवेश पत्रों पर रोक लगा दी थी।
नई तारीख पर आकर कराएंगे दस्तावेजों की जांच, टेस्ट
हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) की रोक के बाद इस भर्ती (Chhattisgarh Police Bharti) प्रक्रिया के लिए जारी प्रवेश पत्र वाले कैंडिडेट्स को रोक दिया गया था। ऐसे कैडिडेट्स के लिए नई डेट जारी कर दी गई है। नई तारीख पर वे दस्तावेजों की जांच करा सकेंगे। इसी के साथ ही समय पर दस्तावेजों की जांच कराने के बाद नई तिथि में फिजिकल टेस्ट भी होगा।
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इसलिए हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक
जिला पुलिस आरक्षक भर्ती (Chhattisgarh Police Bharti) प्रोसेस के दौरान डीजीपी के द्वारा नियमों में बदलाव किया गया। इसमें पुलिस विभाग के सभी कर्मचारियों के बच्चों को भी विशेष छूट दी जाएगी। इस प्रावधान का विरोध हुआ।
इससे पहले यह छूट केवल शहीद पुलिसकर्मियों और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात जवानों की संतानों को दी जाती थी। इस संशोधन के बाद पुलिसकर्मियों के बच्चों को छूट दी गई। इस पर दूसरे कैंडिडेट्स ने इस प्रावधान को अनुचित बताया और इस भर्ती नियम को असंवैधानिक बताकर हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) का दरवाजा खटखटाया।
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