Gwalior Vice President Dhankhar: मध्यप्रदेश के ग्वालियर में रविवार,15 दिसंबर को उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ ने जीवाजी यूनिवर्सिटी में जीवाजी राव सिंधिया की प्रतिमा का अनावरण किया। जीवाजी विश्वविद्यालय की स्थापना को 60 साल पूरे हो चुके हैं।
कार्यक्रम में उनके साथ राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, मंत्री तुलसी सिलावट विशेष रूप से मौजूद रहे।
उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा
इस मौके पर उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ ने कहा कि जीवाजी राव ने आजादी के बाद जनता की सेवा, शिक्षा के लिए अविस्मरणीय काम किया। महाराज जीवाजी राव जानते थे कि शिक्षा समानता लाती है, शिक्षा जागरूकता लाती है, शिक्षा से ही लोकतंत्र और संविधान है।
उपराष्ट्रपति धनखड़ 3 घंटे से ज्यादा समय ग्वालियर रहे
उपराष्ट्रपति धनखड़ तीन घंटे से ज्यादा समय तक ग्वालियर में रहे। वे जयविलास पैलेस भी पहुंचे। उनके आगमन पर एयरपोर्ट से लेकर कार्यक्रम स्थल तक 1800 जवान और अफसर सुरक्षा में तैनात किए गए थे।
‘राजमाता का आशीर्वाद मिला’
उप राष्ट्रपति ने कहा आज का दिन मेरे लिए सदैव अविस्मरणीय रहेगा। मैंने सिंधिया परिवार की तीन पीढ़ियों की राजनीति को देखा है। मुझे 1989 में राजमाता (विजया राजे सिंधिया) का आशीर्वाद मिला, जिससे आज मैं इस मुकाम तक पहुंचा हूं।
‘संसद में माधव की ज्योति का अनुभव कर रहा हूं’
माधवराव जी संसद के माधव (कृष्ण) थे। माधवराव ने सभी मंत्रालय में अपने काम से अमिट छाप छोड़ी है। रेल मंत्रालय में जो काम किया वो सब जानते हैं। उनके काम और आकर्षण को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि मुसीबत-दुख के समय माधवराव सबसे पहले फोन करते थे। आज संसद में माधव की ज्योति ( ज्योतिरादित्य) को अनुभव कर रहा हूं। दुनिया आज सिंधिया परिवार की सेवा और परंपरा का लोहा मानती है।
ज्योतिरादित्य में भविष्य का विजन
उप राष्ट्रपति ने कहा कि महाराज जीवाजी राव ने आजादी के बाद जनता की सेवा, शिक्षा के लिए अविस्मरणीय काम किया। उनकी मूर्ति के अनावरण पर आज का दिन मेरे लिए भावुक दिन है। महाराज जीवाजी राव जानते थे कि शिक्षा समानता लाती है, शिक्षा जागरूकता लाती है, शिक्षा से ही लोकतंत्र और संविधान है। महाराज में जनता की सेवा के लिए हमेशा ऊर्जा रहती थी। आज ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उनके नक्शे कदम पर चल रहे हैं। सिंधिया के पास भविष्य के लिए विजन है, आज भविष्य के लिए ठोस विजन की जरूरत भी है।
विवि के छात्रों केा पार्लियामेंट में आमंत्रित किया
उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ ने कहा कि PM नरेंद्र मोदी ने 30 साल बाद देश की शिक्षा नीति बनाई है। वो भारत के भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित होगी। आज जमाना बदल गया है। हम टेक्नोलॉजी में मजबूत है। आज हम विदेशों को निर्यात करते हैं। युवा अपनी प्रतिभा का का उपयोग करते हैं। AI का जमाना है, लेकिन इसमें संस्थाओं को जागरूक रहना जरूरी है। क्वालिटी एजुकेशन जरूरी है। चिंता का विषय है कि शिक्षा को व्यवसाय की बजाए सेवा के रूप में लेना चाहिए। मैं जीवाजी विश्विद्यालय के छात्रों को इंडियन पार्लियामेंट में आमंत्रित करता हूं।
ग्वालियर के लिए आज ऐतिहासिक दिन
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा, ग्वालियर के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। आज जियो साइंस म्यूजियम का उद्घाटन और श्रीमंत जीवाजी राव जी की प्रतिमा का अनावरण हुआ है। जीवाजी महाराज सिंधिया परिवार के गौरव को आगे बढ़ाया। महाराज जीवाजी राव ने देश- प्रदेश में शिक्षा, संगीत, कला के लिए ऐतिहासिक काम किया है। आज उनकी प्रतिमा का अनावरण हुआ है, आज का दिन ऐतिहासिक है। ग्वालियर के लिए भी आज ऐतिहासिक दिन है।
दादा ने लोक शिक्षा के लिए जीवाजी विवि स्थापित किया- सिंधिया
केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, शिक्षा जगत के लिए सिंधिया परिवार ने सेवा का काम किया है। मेरे दादा जीवाजी राव ने लोक शिक्षा के लिए 60 साल पहले जीवाजी विश्वविद्यालय स्थापित करवाया था। जीवाजी विश्वविद्यालय आज दुनियाभर में प्रसिद्ध संस्थान बन गया है। जीवाजी विश्वविद्यालय के आठ जिलों के 484 महाविद्यालयों में डेढ़ लाख छात्र शिक्षा पा रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने यह भी कहा
जीवाजी विश्विद्यालय आज देश की टॉप-10 यूनिवर्सिटी में शामिल है। मेरे दादा जीवाजी राव ने मथुरा में संगीत विश्वविद्यालय भी स्थापित कराया था। उज्जैन में भगवान कृष्ण की शिक्षा-स्थली सांदीपनी आश्रम का जीर्णोद्धार सिंधिया परिवार ने कराया। गजराराजा यूनिवर्सिटी (मेडिकल कॉलेज) की स्थापना भी हमारे पूर्वजों ने की थी।
उप राष्ट्रपति ने किया जियो साइंस म्यूजियम का उद्घाटन
उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ग्वालियर में देश के पहले जियो साइंस म्यूजियम (भू-विज्ञान संग्रहालय) का रविवार को उदघाटन किया। ग्वालियर के ऐतिहासिक महाराज बाड़ा पर हैरीटेज बिल्डिंग विक्टोरिया मार्केट में स्थापित अत्याधुनिक जियो साइंस म्यूजियम के उद्घाटन अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केन्द्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय कोयला एवं खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे, विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, ग्वालियर जिले के प्रभारी एवं जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट एवं सांसद भारत सिंह कुशवाह भी मौजूद थे। इस अवसर पर उप राष्ट्रपति की धर्मपत्नी श्रीमती सुदेश धनखड़ विशेष रूप से उपस्थित रही।
जानें, म्यूजियम क्यों खास है?
म्यूजियम राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद द्वारा ग्वालियर नगर निगम के सहयोग से तैयार किया गया। जियो साइंस म्यूजियम में पृथ्वी की उत्पत्ति, मानव जाति एवं मानव सभ्यता का विकास और ब्रम्हाण्ड से जुड़ीं अनूठी जानकारियां समाहित हैं। म्यूजियम में डायनासोर का अण्डा सहित कीमती वस्तुएं पर्यटकों को देखने के लिए उपलब्ध हैं। यह म्यूजियम में भू-विज्ञान से संबंधित बच्चों से लेकर बड़ों तक की जिज्ञासाओं का समाधान उपलब्ध है। पृथ्वी विज्ञान से संबंधित दुर्लभ भू-वैज्ञानिक नमूनों को मल्टीमीडिया डिस्प्ले के जरिए म्यूजियम में दिखाया गया है।
एक गैलरी में पृथ्वी की उत्पत्ति और विकास की जानकारी
म्यूजियम में दो गैलरियों के माध्यम से भू-विज्ञान के बारे में लाइट इफेक्ट के साथ आकर्षक ढंग से जानकारी संजोइ गई है। एक गैलरी में पृथ्वी के विकास को दर्शाया गया है, जिसमें उल्लेख है कि पृथ्वी अपने मूल स्वरूप में किस प्रकार आई और कौन-कौन सी चीजों से मिलकर पृथ्वी बनी है। वर्तमान में जो पृथ्वी है, असल में वह कैसी दिखती है। पृथ्वी के भीतर लावा किस तरह से तैयार होता है और ज्वालामुखी फूटने से किस तरह पर्वतों का निर्माण होता है। यह सब जानकारियां बेहतर ढंग से संग्रहालय में दर्शायी गई हैं। यहां आने वाले पर्यटन भूकम्प का अनुभव भी कर सकेंगे। इसके अलावा वायु मण्डल और महासागर के बारे में भी वर्णन है। लाइट इफेक्ट और अत्याधुनिक मशीनी तकनीक से यह सब प्रदर्शित किया गया है।
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दूसरी गैलरी में मानव सभ्यता के विकास की गाथा
म्यूजियम की दूसरी गैलरी में मानव जाति और मानव सभ्यता के विकास को प्रदर्शित किया गया है। इसमें यह भी दर्शाया गया है कि धरती पर डायनासोर की उत्पत्ति और विलुप्ति कैसे हुई। साथ ही मानव की उत्पत्ति कैसे हुई और कैसे उसका जीवनक्रम आगे बढ़ा। मानव सभ्यता की जीवन शैली में आए बदलाव का यह वर्णन भी दर्शनीय है।
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