Sehore News: सीहोर जिले के आष्टा में कारोबारी मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा ने खुशकुशी कर ली है। दोनों का शव शुक्रवार (13 दिसंबर) सुबह घर में फंदे पर लटका मिला। पांच दिन को प्रवर्तन निदेशालय ने मनोज के इंदौर और सीहोर के चार ठिकानों पर रेड मारी थी। यहां से कई बेनामी प्रॉपर्टीज के डॉक्टूमेंट्स जब्त किए थे। साथ ही बैंक बैलेंस को फ्रीज कर दिया था।
दरअसल, मामला पंजाब नेशनल बैंक में छह करोड़ रुपये के धोखाधड़ी से जुड़ा है। इस मामले में मनोज परमार गिरफ्तार भी हुए थे। इसके बाद परेशान थे।
कांग्रेस नेता को भेंट की थी गुल्लक
मनोज ने न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुल्लक भेंट की थी। इसके बाद वे चर्चा में आए थे। कांग्रेस का आरोप है कि इस घटना के बाद से भाजपा उन्हें टारगेट कर रही थी। एसडीओपी आकाश अमलकर ने कहा कि घटनास्थल से सुसाइड नोट मिला है।
मनोज परमार के बेटे ने कहा
मनोज और नेहा परमार तीन बच्चे जिया (18), जतिन (16) और यश (13) हैं। बेटे जतिन ने कहा कि ईडी ने मानसिक दबाव बनाया था। इस कारण माता-पिता ने आत्महत्या कर ली। मनोज के भाई राजेश परमार ने कहा, ‘मनोज पर ईडी का दबाव था। इससे पहले भी कार्रवाई हुई थी। इससे वह परेशान था।’
एक दिन पहले मंदिर दर्शन करने गया था पूरा परिवार
परिजनों ने बताया कि मनोज अपनी पत्नी और बच्चों के साथ गुरुवार को सुसनेर में बगलामुखी मंदिर में दर्शन करने गए थे। शांति नगर स्थिक मकान में बच्चों को सुला दिया था। इस मकान के पास बने दूसरे घर में पत्नी के साथ सोने चले गए।
शुक्रवार सुबह बेटा जतिन माता-पिता को देखने पहुंचा। रूम का दरवाजा अटका था। अंदर जाकर देखा तो पैरेट्स फंदे पर लटके हुए थे। उसने तुरंत अन्य परिजनों को जानकारी दी। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने की परिजनों से मुलाकात
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी आष्टा पहुंचे। उन्होंने मृतक के बेटे जतिन और भाई राजेश परमार से चर्चा की। सीहोर कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष कैलाश परमार ने कहा, राहुल गांधी की यात्रा में मनोज के बेटे ने गुल्लक टीम बनाकर सहायता की थी। तब से वे भाजपा की नजर में थे।
कांग्रेस पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का ट्वीट
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