MP Blood Shortage Jabalpur: जबलपुर मेडिकल कॉलेज में ब्लड नहीं मिलने के कारण एक मरीज की मौत हो गई। मृतक का शव मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों द्वारा बाहर रखा गया था, जबकि उसका 16 वर्षीय बेटा ठंड में पिता के शव के पास पेड़ के नीचे बैठा रहा। रात में गढ़ा पुलिस थाना के कर्मचारियों की नजर लड़के पर पड़ी, जिसके बाद पुलिस ने एम्बुलेंस की व्यवस्था की और शव को लड़के के गांव तक पहुँचाया।
अधिकारी बोले मुझे जानकारी नहीं
जब इस बारे में मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. अरविंद शर्मा से पूछा गया, तो उन्होंने कहा- “मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है कि ब्लड न मिलने के कारण किसी मरीज की मौत हुई हो। इस मामले में ड्यूटी डॉक्टर ही सही जानकारी दे सकते हैं। यह भी हो सकता है कि मरीज की मौत किसी अन्य कारण से हुई हो। जानकारी ली जा रही है।”
शव लेकर बाहर ठंड में खड़ा रहा 16 साल का बेटा
करेली के ग्राम गढ़ाई निवासी नर्मदा प्रसाद सिलावट को दो दिन पहले नरसिंहपुर जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज भेजा गया था। नर्मदा के बेटे नारायण ने बताया कि पिता को खाने-पीने में परेशानी हो रही थी। मेडिकल कॉलेज आने के बाद उन्हें थोड़ी राहत मिली, लेकिन बुधवार रात अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई। डॉक्टर ने कहा कि जल्दी से खून का इंतजाम करो। 16 साल के बेटे ने पिता के लिए खून की व्यवस्था की, लेकिन खून नहीं मिल पाया। पिता की मौत के बाद मेडिकल कॉलेज के स्टाफ ने रात करीब 11 बजे शव को बाहर रख दिया। बेटे के पास इतना पैसा नहीं था कि वह शव को गांव तक ले जा सके, तो वह शव के पास ही बैठा रहा।
पुलिस ने खाना खिलाया और शव को गांव भिजवाया
रात करीब 2.30 बजे गढ़ा थाना पुलिस गश्त करती हुई मेडिकल कॉलेज पहुंची, जहां उनकी नजर पेड़ के नीचे बैठे लड़के पर पड़ी। पूछताछ करने पर उसने बताया कि इलाज के दौरान उसके बड़े भाई, भाभी और चाचा मौजूद थे, लेकिन जैसे ही पिता की मौत हुई, वे बिना किसी सूचना के चले गए। पुलिस ने पहले लड़के को खाना दिया और फिर तड़के 3 बजे शव को लेकर करेली के लिए रवाना किया। गढ़ा थाने में तैनात पुलिसकर्मी अनिल यादव ने बताया कि रात को गश्त के दौरान वे मेडिकल कॉलेज के बाहर उस लड़के को बैठे हुए पाए। उसके पास पैसे नहीं थे, इसलिए उन्होंने अपने स्टाफ को सूचना दी। इसके बाद और पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और एम्बुलेंस की व्यवस्था की।