Bina MLA Nirmala Sapre Case: मध्यप्रदेश में बीना विधायक निर्मला सप्रे के दलबदल के मामले में हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और MLA सप्रे को नोटिस जारी किया है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने हाईकोर्ट में रिट पिटीशन दायर की है। हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने सुनवाई की अगली तारीख 19 दिसंबर तय की है। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से MP हाईकोर्ट के महाधिवक्ता इंदौर बेंच के सामने तर्क रखेंगे।
बीजेपी के साथ सप्रे, विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं
निर्मला सप्रे 6 महीने से बीजेपी के साथ हैं, लेकिन उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया। MLA निर्मला सप्रे लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान 5 मई को राहतगढ़ में सीएम डॉ. मोहन यादव के कार्यक्रम में आई थीं। उस वक्त से वे कांग्रेस से दूरी बनाते हुए बीजेपी के साथ हैं। हालांकि निर्मला ने औपचारिक रूप से बीजेपी की सदस्यता नहीं ली है। इस वजह से वे आधिकारिक रूप से कांग्रेस विधायक हैं।
कांग्रेस ने की विधानसभा की सदस्यता रद्द करने की मांग
मध्यप्रदेश कांग्रेस ने अपनी ही पार्टी की MLA निर्मला सप्रे के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। कांग्रेस की मांग है कि सप्रे ने पार्टी बदली है तो उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द की जानी चाहिए।
स्पीकर ने नहीं लिया फैसला, इसलिए हाईकोर्ट गई कांग्रेस
कांग्रेस ने निर्मला की सदस्यता रद्द करने के लिए इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बताया कि हमने जुलाई में विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजा था। विधानसभा ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। 90 दिन बीत जाने के बाद भी अध्यक्ष ने कोई फैसला नहीं लिया, इसलिए हमें हाईकोर्ट का सहारा लेना पड़ा।
2023 में विधायक बनी थीं निर्मला सप्रे
2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सागर जिले की बीना सीट से निर्मला सप्रे विधायक बनीं। मई में लोकसभा चुनाव के दौरान सागर जिले के राहतगढ़ कस्बे में बीजेपी की एक चुनावी सभा में निर्मला सप्रे मंच पर आईं और उन्होंने सीएम डॉ. मोहन यादव और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के हाथों बीजेपी का गमछा अपने गले में डाला। मंच से ये घोषणा की गई कि निर्मला सप्रे ने बीजेपी जॉइन कर ली है। सप्रे ने भी कहा कि वे बीना के विकास के लिए बीजेपी के साथ आई हैं।
याचिका के दस्तावेज गुमे
नेता प्रतिपक्ष ने 7 जुलाई को विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन निर्मला सप्रे के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष को सदस्यता समाप्त करने का आवेदन दिया। करीब ढाई महीने बाद विधानसभा अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष को बताया कि आपकी याचिका के दस्तावेज खो गए हैं। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष ने फिर से स्पीकर को याचिका से जुड़े दस्तावेज भेजे।
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19 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई
जुलाई से 90 दिनों के भीतर स्पीकर द्वारा सप्रे की सदस्यता पर कोई निर्णय नहीं होने पर, 28 नवंबर को नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इंदौर हाईकोर्ट ने पहली सुनवाई के लिए 9 दिसंबर की तारीख तय की। 9 दिसंबर को सुनवाई के दौरान, इंदौर हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष और बीना विधायक को नोटिस जारी किया। अगली सुनवाई 19 दिसंबर को होगी।
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