शनि ग्रह की शांतिशनिदेव को शांत करने के लिए शनिवार को काली उड़द दाल और चावल की खिचड़ी बनाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि इससे शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव कम होता है।
शनि का प्रिय भोजन:शनि का प्रिय भोजनशनि देव को उड़द की दाल और सरसों का तेल प्रिय है। खिचड़ी में इन दोनों सामग्रियों का प्रयोग होने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं।
कष्टों से मुक्तिशनिवार को खिचड़ी का सेवन करने से जीवन के कष्ट, बाधाएं और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। इससे व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक राहत मिलती है।
दान का महत्वखिचड़ी बनाकर गरीबों और जरूरतमंदों को दान करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है। इससे जातक के पाप कर्मों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।
सात्विक भोजनखिचड़ी एक सात्विक और पचने में हल्का भोजन है, जो शरीर को आराम देता है। शनिवार को इसे खाने से शरीर और मन को शांति मिलती है।
राहु और केतु के दोष निवारणशनिवार को खिचड़ी खाने से शनि के साथ-साथ राहु और केतु के अशुभ प्रभाव भी कम होते हैं, जिससे जीवन में स्थिरता आती है।
ऊर्जा संतुलनखिचड़ी में मौजूद उड़द की दाल और चावल का संतुलन शरीर की ऊर्जा को नियंत्रित करता है। इससे व्यक्ति की कार्यक्षमता और जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है।