Indore Teachers Attendance: सरकारी स्कूलों को धर्मशाला समझकर मनमर्जी से स्कूल आने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए एक सख्त कदम उठाया गया है। कुछ महीने पहले कलेक्टर आशीष सिंह ने कलेक्टर कार्यालय में बायोमेट्रिक मशीन से उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य कर दिया था। इसके बाद इंदौर जिले के सभी सरकारी कार्यालयों में भी बायोमेट्रिक मशीन लगाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन शिक्षा विभाग में इसका पालन नहीं हुआ। दो दिन पहले जिला पंचायत कार्यालय में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें सीईओ सिद्धार्थ जैन ने सभी सरकारी स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन लगाने का निर्देश दिया। जिले के 1037 स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें लगाने का कार्य किया जाएगा।
ज्यादातर स्कूलों में केवल रजिस्टर पर अडेंटेंस
अधिकांश सरकारी स्कूलों में अब तक शिक्षक अपनी उपस्थिति रजिस्टर में दर्ज करते थे। कई शिक्षक अपनी इच्छा अनुसार स्कूल आते और जाते थे। इसी तरह, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भी कर्मचारी अपनी मर्जी से कार्यालय आते थे। कई स्कूलों में शिक्षक अपनी मनमर्जी से स्कूल आते हैं और चले हैं।
अब बायोमेट्रिक से ही दर्ज होगी अटेंडेंस
इंदौर जिला पंचायत के सीईओ सिद्धार्थ जैन ने बताया कि अब शिक्षा विभाग के कार्यालयों और स्कूलों में उपस्थिति केवल बायोमेट्रिक मशीन से ही दर्ज की जाएगी। इसके लिए जिले के सभी सरकारी स्कूलों, पंचायत कार्यालयों आदि में बायोमेट्रिक मशीनें लगाई जाएंगी। साथ ही, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भी जल्द ही बायोमेट्रिक मशीन लगाने का निर्देश दिया गया है। यह कार्य इस महीने तक पूरा कर लिया जाएगा।
अभी इन जिलों में लगाई जाएंगी मशीनें
जानकारी के अनुसार, जिले के जिन स्कूलों का पंचायत कार्यालय के पास है, वहां बायोमेट्रिक मशीन पंचायत कार्यालय में लगाई जाएगी, जबकि अन्य स्कूलों में यह मशीन स्कूल परिसर में ही स्थापित की जाएगी। इंदौर शहरी क्षेत्र में 182, इंदौर ग्रामीण क्षेत्र में 230, महू में 186, सांवेर में 239 और देपालपुर में 200 स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन लगाई जाएगी।
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शहरी क्षेत्र में इस जिम्मेदारी का निर्वहन नगर निगम करेगा, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में यह पंचायत के पास होगी। अधिकारियों के अनुसार, बायोमेट्रिक मशीन के संचालन के बाद, महीने के अंत में मशीन की शीट के आधार पर ही कोषालय से वेतन जारी किया जाएगा।