MP School Bus Guidelines 2024 Safety Rules: 12 वर्ष से ज्यादा पुरानी स्कूल बसें अब सड़क पर नहीं दौड़ सकेंगी। मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने सात वर्ष पहले हुए दिल्ली पब्लिक स्कूल बस हादसे को लेकर चल रही अलग-अलग जनहित याचिकाओं में बुधवार शाम एक साथ फैसला जारी करते हुए यह बात कही है।कोर्ट ने कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट में भी स्कूल बसों के लिए अलग से कोई गाइडलाइन नहीं है। ऐसे में जरूरी है कि जब तक मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन कर स्कूल बसों के लिए अलग से प्रविधान नहीं जोड़े जाते, तब तक कोर्ट खुद ही गाइडलाइन बना दे। इसमें 22 बिंदुओं को शामिल किया है। कोर्ट ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को गाइडलाइन का पालन करवाने की जिम्मेदारी सौंपी है।
स्कूल बस हुई थी हादसे का शिकार
5 जनवरी 2018 को, दिल्ली पब्लिक स्कूल की बस छुट्टी के बाद बच्चों को उनके घर छोड़ने जा रही थी। बायपास पर बस अनियंत्रित हो गई और डिवाइडर को पार करते हुए दूसरी लेन में आ रहे ट्रक से टकरा गई। इस हादसे में बस चालक स्टियरिंग पर फंसकर वहीं अपनी जान गंवा बैठा। इस दुर्घटना में चार बच्चों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य बच्चे घायल हुए।
कोर्ट की स्कूल बसों के लिए ये गाइडलाइन
- स्कूल बस को पीले रंग से रंगा जाएगा और उसके आगे और पीछे “स्कूल बस” या “ऑन स्कूल ड्यूटी” लिखा जाएगा।
- स्कूल बस के बाहर दोनों तरफ स्कूल के वाहन प्रभारी का नाम, पता और टेलीफोन तथा मोबाइल नंबर लिखा होगा।
- स्कूल बस की खिड़कियों पर शीशों पर रंगीन फिल्म नहीं लगाई जा सकेगी।
- प्रत्येक स्कूल बस में फर्स्ट एड बॉक्स और अग्निशमन यंत्र होना अनिवार्य होगा।
- प्रत्येक स्कूल बस में एक प्रशिक्षित परिचारक होगा, जो आपातकालीन स्थिति में सहायता कर सके।
- ड्राइवर के पास स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस और कम से कम पांच साल का अनुभव होना चाहिए।
- वे ड्राइवर जो एक साल में दो बार से ज्यादा सिग्नल जंप करते हैं, वे स्कूल बस नहीं चला सकेंगे।
- जो ड्राइवर तेज गति या शराब पीकर गाड़ी चलाने का दोषी पाया गया है, वह भी स्कूल बस नहीं चला पाएगा।
- प्रत्येक स्कूल बस में सीट के नीचे स्कूल बैग रखने के लिए स्थान होगा।
- हर बस में स्पीड गवर्नर लगाया जाएगा।
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- स्कूल बस में दाहिनी ओर एक आपातकालीन दरवाजा और उच्च गुणवत्ता वाला लॉकिंग सिस्टम होगा।
- बसों में प्रेशर हार्न नहीं लगाया जाएगा।
- रात के समय स्कूल बसों में नीले बल्ब लगाए जाएंगे।
- कोई भी स्कूल बस 12 साल से पुरानी नहीं होगी।
- छात्रों को लाने-ले जाने में लगे ऑटो में चालक सहित चार से अधिक लोग नहीं बैठ सकते।
- प्रत्येक स्कूल बस में एक GPS ट्रैकिंग सिस्टम और एक CCTV कैमरा होगा, जिससे अभिभावक वाहन को मोबाइल ऐप के माध्यम से ट्रैक और देख सकेंगे।
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