Dollar-Rupee Level in 2025: फिलहाल डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार गिरता हुआ दिख रहा है। आलम ये है कि एक डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी गिरकर करीब 85 रुपये के लेवल के करीब आ पहुंचा है। 4 दिसंबर को 1 डॉलर के मुकाबले रुपया 84.75 रुपये था।
ट्रंप की जीत के बाद से इसमें लगातार मजबूती दिख रही है। इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि उनके व्हाइट हाउस में आ जाने के बाद डॉलर और मजबूत हो सकता है और दूसरी करेंसी कमजोर हो सकती हैं, जिसमें रुपया भी शामिल है। ऐसे में सवाल उठता है कि नए साल 2025 में रुपया कितना गिरेगा?
डोनाल्ड ट्रंप के फैसलों पर सबकी नज़र
डॉलर के मुकाबले रुपये (Dollar-Rupee Level 2025) के लगातार कमजोर होने का कारण है, ट्रंप की सरकार हो सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि अमेरिकी सरकार देश में आने वाले विदेशी वस्तुओं पर भारी भरकम टैरिफ लगा सकती है।
इससे कंज्यूमर्स के ये वस्तुएं खरीदना महंगा हो जाएगा, इसका असर विश्व बाजार में भी पड़ सकता है। ट्रंप के इस फैसले की आशंका के चलते अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) को ब्याज दरों को ऊंची दरों पर बनाए रखना होगा।
सेंट्रल बैंक के इस फैसले से डॉलर और मजबूत हो सकता है। डोनाल्ड ट्रंप अपने ट्रेड पॉलिसी के तहत इंपोर्ट पर 10 फीसदी से ज्यादा का टैरिफ लगा सकते हैं। इसका असर रुपये पर पड़ने की संभावना है।
50 अरब डॉलर घट गया विदेशी मुद्रा भंडार
रुपये में मजबूती बनाए रखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने पूरजोर प्रयाश कर रही है। RBI ने अपने विदेशी करेंसी रिजर्व से बड़े पैमाने पर डॉलर बेचा है, जिससे रुपये में गिरावट को थामा जा सके।
लेकिन, 27 सितंबर 2024 को आरबीआई का विदेशी मुद्रा भंडार 704.88 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड हाई पर जा पहुंचा था जो 22 नवंबर 2024 को घटकर 656.58 बिलियन डॉलर के लेवल पर आ गया है। यानि, दो महीने में विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 50 बिलियन डॉलर की गिरावट आई है।
इसकी बड़ी वजह भारतीय शेयर मार्केट में विदेशी निवेशकों की बिकवाली है। वहीं दूसरा बड़ा कारण RBI की ओर से रुपये को थामने के लिए बेचा गया डॉलर है। विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर में 11 बिलियन डॉलर तो नवंबर में 1.5 बिलियन के शेयर्स बेच डाले थे। इसका असर भारतीय बाजार में देखने को मिल रहा है।
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अर्थव्यवस्था में कमजोरी से गिरेगा रुपया!
वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में आर्थिक विकास दर घटकर 5.4 फीसदी पर आ गई है, जो आरबीआई और सरकार के अनुमानों के उलट प्रतीत हो रही है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सबसे ज्यादा कमजोरी देखी गई है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में आई इस कमजोरी से आने वाले महीनों में रुपये के और गिरने की आशंका है। रुपया कमजोर हुआ तो देश में महंगाई और बढ़ सकती है क्योंकि आयात महंगा हो जाएगा। ऐसे में अर्थव्यवस्था में आई इस कमजोरी के चलते भारतीय रुपया घटकर रिकॉर्ड लो पर आ गया है।
2025 में रुपया होगा और कमजोर!
जानकारों के मुताबिक डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी होती रही तो RBI आगे भी हस्तक्षेप कर सकता है। इससे विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आएगी। साथ ही जो वैश्विक स्थिति बनी हुई है, उसमें रुपये के साल 2025 में मजबूत होने की संभावना बेहद कम नजर आ रही है। बल्कि, डॉलर के मुकाबले रुपया और कमजोर हो सकता है।