CG ACB Action: छत्तीसगढ़ में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने निलंबित सहायक लेखा अधिकारी नरेंद्र राउतकर के घर पर छापामार कार्रवाई की है। दरअसल, एसीबी ने 12 सितंबर को नरेंद्र राउतकर को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।
जिसके बाद राउतकर को अदालत में पेश कर जेल भेजा गया था। हालांकि, बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी। अब एसीबी की टीम उनके घर पर आय से अधिक संपत्ति की जांच कर रही है।
एसीबी की रायपुर टीम ने सुबह 6 बजे मारा छापा
नरेंद्र राउतकर का मकान कवर्धा के आनंद विहार में स्थित है। आज सुबह 6 बजे एसीबी की रायपुर टीम ने उनके घर पर छापा मारा। टीम की दस्तक से राउतकर के परिवार वालों की नींद खुली, और घर में उनकी पत्नी और बच्चे मौजूद थे।
छापेमारी (CG ACB Action) में कुल सात सदस्यीय एसीबी की टीम शामिल है, जिसमें निरीक्षक स्तर के अधिकारी घर में छानबीन कर रहे हैं। इसके अलावा, एसीबी की टीम ने उनके दो अन्य ठिकानों पर भी छापे मारे हैं।
आंगनबाड़ी भवन की किश्त जारी करने के लिए मांगे थे पैसे
इस मामले की शुरुआत मोती बैगा नामक पीड़ित की शिकायत से हुई थी। उन्होंने एसीबी को बताया कि उनकी पत्नी कुकरापानी ग्राम पंचायत की सरपंच हैं, और उनके पंचायत के लिए आंगनबाड़ी भवन निर्माण के लिए 11.69 लाख रुपये स्वीकृत हुए थे।
इनमें से 5.84 लाख रुपये पंचायत को जारी भी कर दिए गए थे। लेकिन सहायक लेखाधिकारी नरेंद्र राउतकर ने अगली किश्त जारी करने के बदले एक लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी।
एसीबी को यह भी मिली जानकारी
जब पीड़ित ने रिश्वत देने से इनकार किया, तो उसने एसीबी में शिकायत की। शिकायत के सत्यापन के बाद एसीबी ने राउतकर को रंगे हाथ पकड़ा। इसके अलावा, एसीबी को यह जानकारी भी मिली थी कि राउतकर ने अन्य ग्राम पंचायतों के सरपंचों से भी रिश्वत ली थी। इसके बाद उनके खिलाफ 7 पीसी एक्ट 1988 के तहत कार्रवाई की गई थी और उनकी संपत्ति की जांच की जा रही है।