रिपोर्ट- अशोक समदरिया
Mauganj Controversy Update: मध्य प्रदेश के रीवा के मऊगंज जिले में बीते दिनों महादेवन मंदिर में किए गए अतिक्रमण को लेकर स्थानीय बीजेपी विधायक प्रदीप पटेल की जिद्द के आगे झुके प्रशासनिक अमले पर अब हाई कोर्ट का डंडा चला है।
जिसमें प्रशासन के द्वारा विवादित मन्दिर की भूमि से की बाउंड्री वॉल को हटाया जानें पर कर्रवाई को गलत मानते हुए हाई कोर्ट ने बीजेपी विधायक प्रदीप पटेल सहित तमाम प्रशासनिक अमले को कटघरे पर खड़ा किया है।
इसके साथ ही प्रशासन से उनके द्वारा की गई कार्रवाई पर स्पष्टीकरण की मांग की है। इस दौरान कोर्ट ने कब्जा किए हुए लोगों को वहां पर यथावत रखने के आदेश भी दिए हैं।
हाईकोर्ट ने मांगा स्पष्टीकरण
मऊगंज जिले में स्थित देवरा महादेवन मंदिर के विवाद ने पिछले दिनों राजनीतिक रूप लिया था, जिसमें हिंदू संगठनों द्वारा पहले तो अतिक्रमण हटाए जाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया था।
इसके बाद में स्थानीय विधायक प्रदीप पटेल की मौजूदगी में अतिक्रमण को जमीदोज किए जाने का असफल प्रयास किया गया था। इसके बाद प्रशासन ने बीजेपी विधायक प्रदीप पटेल को दो बार हिरासत में लेते हुए करीब 50 घंटों तक नजरबंद करके रखा था।
लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते प्रशासनिक अमले को विधायक के सामने झुकना पड़ा और विधायक के द्वारा लगातार 3 दिनों तक किए गए आंदोलन के कारण अतिक्रमण को खाली कराया गया। हाईकोर्ट ने विधायक सहित तमाम प्रशासनिक अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है।
हाईकोर्ट ने लगाई स्टे
आपको बता दें अतिक्रमण हटाने को लेकर आरोप था कि मंदिर की शासकीय जमीन पर अतिक्रमणकारियों ने बेजा कब्जा किया है। इस अतिक्रमण के विरोध में स्थानीय लोगों ने धरना प्रदर्शन भी किया था।
इसके बाद प्रशासन ने विधायक के आंदोलन के सामने घुटने टेकते हुए अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई कर दी।
नरेंद्र बहादुर द्वारा इस मामले की पीआईएल हाईकोर्ट में दायर की गई जिसपर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए अतिक्रमण हटाने पर स्थगन (स्टे) आदेश जारी करके बीजेपी विधायक प्रदीप पटेल सहित तमाम प्रशासनिक अधिकारियों से दो सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है।
कोर्ट की स्टे के बाद भी की कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक पूर्व में भी शासन ने महादेवन मंदिर में किए गए अतिक्रमण को खाली कराने का आदेश जारी किया था। मगर मामले पर हाईकोर्ट से ही कब्जा किए गए लोगों के द्वारा स्थगन आदेश ले लिया गया था।
विवाद बढ़ने के बाद विधायक अतिक्रमण हटाने की मांग अड़े रहे, जिसके बाद प्रशासनिक टीम ने विवादीत भूमि से बाउंड्रीवॉल को हटाने की कार्रवाई की थी।
प्रशासन ने कोर्ट के स्थगन आदेश की परवाह किए बिना ही उक्त जमीन को खाली कराने की कोशिश की थी। जिसपर अब दोबारा दायर की गई पीआईएल में पुनः हाई कोर्ट ने स्थगन आदेश जारी किया है।
इसके साथ ही कोर्ट ने स्थानीय बीजेपी विधायक प्रदीप पटेल सहित रीवा आईजी महेंद्र सिंह सिकरवार और मऊगंज के कलेक्टर, एसपी के अलावा अन्य अधिकारियों से स्पष्टीकरण की मांग की है।
मऊगंज कलेक्टर ने दी जानकारी
कोर्ट के आदेश के बाद मऊगंज कलेक्टर अजय श्रीवास्तव का कहना है कि देवरा महादेवन मंदिर वाले मामले में उच्च न्यायालय पर एक पीआईएल लगाई गई थी, जिसमें उच्च न्यायालय के द्वारा एक आदेश दिया गया है की जो भी बिंदु उठाए गए हैं।
उसमें शासन अपना पक्ष दो सप्ताह के भीतर पेश करें तब तक के लिए दोनो पक्षों को यथा स्थिति बनाए रखने के निर्देश भी दिए हैं। मऊगंज कलेक्टर अजय श्रीवास्तव ने लोगों से अपील करते हुए की किसी भी प्रकार के अफवाहों में ध्यान न दें और न ही फैलाएं।
मामले पर उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार हम लोगों के द्वारा निधि नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।
एसपी ने की लोगो से अपील
मऊगंज एसपी रसना ठाकुर ने बताया कि देवड़ा गांव में धारा 144 अभी भी लागू है। लोग इसका भी ध्यान रखें। इसके साथी प्रशासन के द्वारा जो निर्देश दिए गए हैं इसका भी पालन किया जाए। जिला प्रशासन की अपील है की कोई भी अफवाहों पर ध्यान न दें और न ही किसी भी प्रकार की अफवाह फैलाए।
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