Morena Blast Case Update: मुरैना शहर के राठौर कॉलोनी में हुए विस्फोट के बाद घायलों के इलाज में प्रशासनिक लापरवाही का मामला सामने आया है। घायलों को तो सरकारी एंबुलेंस द्वारा जिला अस्पताल पहुंचा दिया गया, लेकिन उन्हें ग्वालियर भेजने के लिए कोई एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो सकी। हादसे में घायल 19 वर्षीय कन्हैया राठौर को उसके पिता कल्लू ने प्राइवेट एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया।
ठेले पर लेकर पहुंचे परिजन
कल्लू के पास इलाज के लिए पैसे नहीं थे, इसलिए उन्होंने उधार लेकर अपने बेटे का इलाज करवाया। बुधवार की सुबह पैसों की कमी के कारण कन्हैया को घर लाना पड़ा। इसके बाद मोहल्ले में हंगामा हो गया। स्वजन और मोहल्ले के लोग कन्हैया को हाथ ठेले पर लेकर जिला अस्पताल पहुंचे।
एंबुलेंस ने सरकारी की जगह प्राइवेट अस्पताल छोड़ा
राठौर कॉलोनी में हुए विस्फोट में राकेश राठौर का घर भी ढह गया। इस मकान के पीछे राकेश राठौर के भाई कल्लू राठौर का घर था, जिसकी दीवार गिरने से कल्लू राठौर का बेटा कन्हैया घायल हो गया। कल्लू राठौर ने बताया कि घर गिरने के बाद उनके पास खाने-पीने के लिए भी पैसे नहीं थे। रात के वक्त कोई सरकारी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हुई, और अस्पताल से एक प्राइवेट एंबुलेंस में कन्हैया को भेजा गया। एंबुलेंस चालक ने उनसे 1500 रुपए लिए और उन्हें ग्वालियर के एक प्राइवेट अस्पताल छोड़ दिया। जबकि उन्होंने उसे सरकारी अस्पताल के लिए रेफर किया था। इसके बावजूद, एंबुलेंस चालक ने उन्हें प्राइवेट अस्पताल में ही जबरन भर्ती करवा दिया।
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निजी अस्पताल ने थमा दिया 32 हजार का बिल
अस्पताल ने 30 से 32 हजार का बिल थमा दिया, जबकि राकेश राठौर के पास एंबुलेंस का भुगतान करने के लिए भी पैसे नहीं थे। ऐसे में उन्होंने ग्वालियर के बिलऊआ में रहने वाले समीध राकेश राठौर को बुलाकर पैसे दिए। जब अस्पताल में और इलाज नहीं करवा सके, तो सुबह कन्हैया को घर ले आए। इसके बाद मोहल्ले के लोगों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और घायल कन्हैया को हाथ ठेले पर लिटाकर नारेबाजी करते हुए जिला अस्पताल ले गए।