MP Revenue Abhiyan 3.0: मध्य प्रदेश में राजस्व महाअभियान 3.0 के तहत 80% टारगेट पूरा नहीं करने वाले पटवारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पटवारियों को आधार को खसरा से लिंक करने और नक्शा तरमीम (किसी नक्शे में बदलाव करना) जैसे कार्य प्राथमिकता से करने होंगे। यदि वे इन कार्यों में किसी प्रकार की लापरवाही करते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
एडीएम ने दिए निर्देश
यह निर्देश एडीएम सिद्धार्थ जैन ने मंगलवार को एक बैठक में दिए। राजस्व महाअभियान 3.0 के दौरान 3.41 लाख खसरा से आधार लिंक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
सितंबर में प्रदेशभर में भोपाल लंबित मामलों में 34वें नंबर पर था। इस दौरान केवाईसी के 2.40 लाख और नक्शा तरमीम के 1.54 लाख मामले लंबित थे।
जमीन और राजस्व संबंधी मामलों के निपटारे में भोपाल की स्थिति संतोषजनक नहीं है। राजस्व महा अभियान 3.0 15 नवंबर से शुरू किया गया है।
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लंबे समय से लटके है मामले
आपको बता दें कि इस प्रकार के मामलों में निगरानी और अपील के नाम पर पीड़ितों को केवल तारीखों के पीछे दौड़ना पड़ता है। लोक सेवा गारंटी के तहत अविवादित नामांतरण को 30 दिन में और विवादित नामांतरण को 180 दिन में हल होना चाहिए।
इसी तरह अविवादित बंटवारा 90 दिन में और विवादित बंटवारे के लिए कोई तय समय सीमा नहीं है। सीमांकन 45 दिन में पूरा होना अनिवार्य है, लेकिन तहसीलदार के आदेश के बावजूद ये मामले लम्बे समय से अटके हुए हैं।
पिछले छह महीने में राजस्व मामलों को निपटाने के लिए सात से ज्यादा बार समय बढ़ाया जा चुका है।
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