मां क्यों नहीं देखती बेटे के फेरे, जानें वजह

अभी शादियों का सीजन चल रहा है। हर कहीं शहनाई बज रही हैं।

क्या आप जानते हैं मां अपने बेटे के फेरे क्यों नहीं देखती ?

ये परंपरा मुगलकाल से चली आ रही है।

बताया जाता है कि पहले मां अपने बेटे की शादी में जाती थी तो पीछे से घर में चोरी-डकैती हो जाती थी।

फिर घर की रखवाली के लिए महिलाओं ने घर में रहना शुरू कर दिया।

मां और अन्य महिलाएं बारात वाले दिन घर में ही रहने लगीं।

आजकल मां शादी में तो जाती हैं लेकिन बेटे के फेरे ना देखने की परंपरा जारी है।

गृह प्रवेश की तैयारियों के लिए भी मां घर में रहती हैं और बारात में नहीं जातीं।