Jharkhand Chunav Result 2024: झारखंड में हेमंत सोरेन की सत्ता में लगातार दूसरी बार वापसी लगभग तय हो गई है। शनिवार को आए चुनावी नतीजों (Jharkhand Assembly Elections) के अनुसार, INDIA गठबंधन ने 81 सीटों में से 56 सीटों पर बढ़त बनाई है, जो बहुमत के लिए जरूरी 41 से 15 अधिक हैं।
इस गठबंधन में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) 33, कांग्रेस 16, राजद 5 और भाकपा माले 2 सीटों पर आगे हैं। इस चुनाव में संथाल और कोल्हान जैसे अपने मजबूत क्षेत्रों को बचाने में INDIA ने सफलता पाई, जबकि भाजपा 22 सीटों पर सिमट गई, जो 2019 के चुनाव से तीन सीट कम हैं।
भारत के चुनावी समीकरण में कई कारणों से INDIA की जीत हुई, लेकिन सबसे प्रभावी वजह (Jharkhand Chunav Analysis) रही मंईयां सम्मान योजना और कल्पना सोरेन (Kalpana Soren) की भूमिका।
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JMM की जीत के 5 प्रमुख कारण
1. मंईयां योजना (Jharkhand Maiya Yojana) ने महिलाओं का विश्वास जीता
झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में से 29 पर महिलाओं का वोट प्रतिशत पुरुषों से अधिक है। इस कारण, महिला वोटर्स को लुभाने के लिए भाजपा ने गोगी दीदी योजना की घोषणा की, जिसमें महिलाओं को 2100 रुपए देने का वादा किया।
वहीं, हेमंत सरकार ने मंईयां योजना (Jharkhand Maiya Yojana) के तहत 2500 रुपए देने का वादा किया और चुनाव से पहले ही 1000 रुपए की किस्त जारी कर दी थी। इसके कारण महिला वोटर्स ने INDIA गठबंधन पर ज्यादा भरोसा जताया, और 29 महिला बहुल सीटों में से INDIA ने 28 सीटों पर बढ़त बनाई।
2. कल्पना सोरेन ने भाजपा को किया बैकफुट पर
हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के जेल जाने के बाद राजनीति में उतरीं उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने अपनी सधी हुई भाषाशैली और सरल व्यक्तित्व से जनता का दिल जीता। कल्पना ने 100 से अधिक जनसभाएं की और न केवल JMM बल्कि कांग्रेस, आरजेडी और भाकपा-माले के उम्मीदवारों के लिए भी प्रचार किया। उनके प्रति लोगों का रुझान भाजपा के लिए चुनौती बना, और पार्टी उनकी आलोचना करने से बचती रही।
3. हेमंत सोरेन की जेल यात्रा से मिली सहानुभूति
चुनाव प्रचार (Jharkhand Assembly Elections) के दौरान हेमंत सोरेन ने भाजपा (BJP) को आदिवासी विरोधी बताते हुए आरोप लगाया कि उन्हें झूठे मामलों में फंसा कर जेल भेजा गया। उन्होंने आदिवासियों के खिलाफ देशभर में हो रहे अत्याचारों की बातें की, जिनसे जनता में उनके प्रति सहानुभूति बढ़ी। इससे चुनावी नतीजों पर सकारात्मक असर पड़ा।
4. आदिवासी समुदाय का भाजपा से विमुख रहना
रघुवर दास सरकार के समय 2016 में सीएनटी एक्ट में बदलाव की कोशिश भाजपा को भारी पड़ी। आदिवासी समुदाय इससे नाराज हो गया और भाजपा से दूरी बना ली। इस चुनावी परिणाम (Jharkhand Chunav Result 2024) में यह साफ देखा गया, जहां आदिवासी रिजर्व सीटों पर भाजपा की स्थिति कमजोर हुई।
5. भाजपा को घुसपैठ के मुद्दे में उलझाया गया
भाजपा ने इस चुनाव (Jharkhand Chunav Result 2024) में बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया, लेकिन हेमंत सोरेन और INDIA के नेताओं ने इसे राज्य के बजाय केंद्रीय सरकार की जिम्मेदारी बताया।
‘भाजपा का यह मुद्दा मुख्य रूप से संथाल क्षेत्र तक ही सीमित रहा, जबकि बाकी क्षेत्रों में जनता ने इसे नजरअंदाज किया। भाजपा की घुसपैठ पर ज्यादा जोर देने के कारण अन्य वोटर्स एकजुट हो गए और इसका नुकसान भाजपा को हुआ।
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