Jabalpur Grain Spoilt: मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए लाखों क्विंटल अनाज का बड़ा हिस्सा अब खबरा हो गया है।
हैरानी की बात यह है कि कुछ वेयरहाउस में रखा गेहूं महज तीन साल में ही खराब हो गया है। जिले में कुल 17 हजार मीट्रिक टन अनाज बर्बाद हो चुका है, जिसमें 1.10 लाख क्विंटल गेहूं शामिल है। इस मामले में संबंधित वेयरहाउस संचालकों को नोटिस भी जारी किए गए हैं।
वेयर हाउस संचालक को जारी हुआ नोटिस
आपको बता दें कि इस खराब हुए अनाज का उपयोग पशु आहार, मुर्गी दाना और शराब उत्पादन में किया जाएगा। बताया गया है कि इस अनाज में गेहूं के साथ ज्वार, बाजरा और मक्का भी शामिल हैं।
इस स्थिति के चलते शासन को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो वेयरहाउसिंग लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन के जिला प्रबंधक एस. आर. निमोदा ने जानकारी दी कि जिले में लगभग 17 हजार मीट्रिक टन अनाज सड़ गया और इस मामले में उनका किराया रोक लिया है, लेकिन फिलहाल किसी भी वेयर हाउस संचालक पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई हैं।
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लापरवाही से हुआ अनाज खराब
आपको बता दें कि जिम्मेदारों की देखरेख और नियमित मॉनिटरिंग के बावजूद अनाज के खराब होने ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। अनाज को वेयरहाउस में रखने के बाद समय-समय पर उसकी जांच की जाती है और दवा का छिड़काव भी किया जाता है।
इसके बावजूद इतनी बड़ी मात्रा में अनाज का बर्बाद होना व्यवस्थागत खामियों और लापरवाही की ओर इशारा करता है।
2023-24 में खरीदा गेंहू भी खराब
जबलपुर में साल 2018-19 से लेकर 2023-24 तक खरीदे गए कुल 17 हजार मीट्रिक टन अनाज खराब हो चुका है। इस अवधि में सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि 2023-24 में समर्थन मूल्य पर खरीदा गया 950 मीट्रिक टन गेहूं भी खराब हो गया।
इस मामले में नागरिक आपूर्ति निगम और मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग लॉजिस्टिक कार्पोरेशन ने मुख्यालय को डीसीसी के लिए जानकारी भेज दी है।
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