Black Friday Sale: ब्लैक फ्राइडे सेल अपने शानदार डील्स के लिए जानी जाती है। अगर आप भी शानदार डील्स के शौकीन हैं तो यह सेल सिर्फ आपके लिए है। ब्लैक फ्राइडे, पारंपरिक रूप से अमेरिका का सबसे बड़ा शॉपिंग इवेंट, अब भारत में भी एक सनसनी बन गया है।
अब Amazon, Tata Click, Myntra, Flipkart और Miniso जैसे प्लेटफॉर्म इस सेल का हिस्सा बन रहे हैं। चाहे आप न्यू गैजेट, ट्रेंडी फैशन या घरेलू सामान खरीदना चाह रहे हों। इस साल की ब्लैक फ्राइडे सेल में बहुत कुछ है।
अमेज़न पर सेल 21 नवंबर से शुरू हो गई है और आपको कई अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर अलग-अलग प्रोडक्ट्स पर शानदार डील मिलेंगी। शॉपिंग करने के दौरान फ्रॉड की भी कई घटनाएं होती हैं। जानिए शॉप करते समय फ्रॉड से बचने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए।
ऑनलाइन शॉपिंग में फ्रॉड से बचने के लिए उठाएं ये कदम
सावधान रहने की जरूरत: अगर आप भी ब्लैक फ्राइडे सेल का इंतजार कर रहे थे, तो आपको सावधान रहने की जरूरत हैं. क्योंकि भी स्कैमर्स भी इसका इंतजार कर रहे हैं।
डिस्काउंट का लालच: ब्लैक फ्राइडे सेल के नाम पर स्कैमर्स फर्जी वेबसाइट्स चला रहे हैं, जहां डिस्काउंट का लालच देकर लोगों को फंसाया जा रहा है।
फर्जी वेबसाइट्स की संख्या बड़ी: लगभग 3% वेबसाइट्स ऐसी हैं जो हाल में रजिस्टर हुई हैं और वे संदिग्ध हैं। इन वेबसाइट्स पर तमाम ऐड्स दिख रहे हैं, जो लोगों को फंसा सकते हैं।
हर किसी को कर रहे टार्गेट: साइबर क्रिमिनल्स इस सेल में प्रमुख रिटेलर्स से लेकर ग्राहकों तक को फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें बड़े ब्रांड्स के नाम और लोगो से मिलती हुई वेबसाइट्स डिजाइन की हैं।
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फिशिंग ईमेल से कर रहे टार्गेट: इसके अलावा वे लोगों को फंसाने के लिए फिशिंग ईमेल का भी सहारा ले रहे हैं। ये तरीका पिछले साल के जैसा ही है।
बड़े ब्रांड के नाम हैं शामिल: स्कैमर्स बड़ें ब्रांड के नाम पर फर्जी कैंपेन चला रही है, जिसमें 90 परसेंट तक का डिस्काउंट ऑफर किया जा रहा है।
इन बातों का रखें ध्यान: इस तरह की वेबसाइट्स से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखें। हमेशा ध्यान दें कि जिस वेबसाइट पर आप हैं, उस लिंक का URL में HTTPS और पैडलॉक दिखता हो।
डिस्काउंट को चेक करें: जरूरत से ज्यादा मिल रहे डिस्काउंट को हमेशा संदेह की नजर से देखें और उसकी पूरी जांच पड़ताल करें. ऐसे डिस्काउंट स्कैमर्स का जाल हो सकते हैं।
एक रिसर्च में सामने आया कि साल 2023 के मुकाबले इस साल 89 परसेंट ज्यादा फर्जी वेबसाइट्स सामने आई हैं. ये संख्या 2022 से तीन गुनी है।
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