Gwalior Chit Fund Land Scam: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में चिटफंड कंपनी की कुर्क की गई जमीन की रजिस्ट्री करने के मामले में कलेक्टर रुचिका चौहान ने उप पंजीयक मानवेंद्र सिंह भदौरिया को निलंबित कर दिया है।
कलेक्टर ने 6 नवंबर को उन्हें नोटिस जारी किया था, जिसका जवाब भदौरिया ने 11 नवंबर को दिया। उन्होंने अपने उत्तर में कहा कि जो रजिस्ट्री की गई है, वह वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों के अनुसार और विधि के तहत की गई है। इसके बाद भी कलेक्टर ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया।
ये है पूरा मामला
कलेक्टर ने उप पंजीयक मानवेंद्र सिंह भदौरिया के द्वारा दिए गए उत्तर से संतुष्ट न होने पर उन्हें निलंबित कर दिया।
कलेक्टर कार्यालय के अनुसार, ग्राम खेरियामोदी में चिटफंड कंपनी परिवार एग्रो बिजनेस प्राइवेट लिमिटेड की 6 सर्वे नंबरों की जमीन को डायवर्सन फीस जमा न करने पर कुर्क किया गया था।
तहसीलदार न्यायालय ने इस मामले की प्रविष्टि जमीन के खसरा रिकॉर्ड के कॉलम नंबर 12 में भी अंकित की थी। इसके बावजूद उप पंजीयक ने कुर्क की गई जमीन की रजिस्ट्री की, जो कलेक्टर को उचित नहीं लगी और इसके परिणामस्वरूप उन्हें निलंबित किया गया।
शासन को हुई वित्तीय हानि
कलेक्टर ने उप पंजीयक मानवेंद्र सिंह भदौरिया द्वारा मार्च 2024 में रजिस्ट्री करने पर कार्रवाई की। कलेक्टर ने माना कि भदौरिया ने खसरा रिकॉर्ड की अनदेखी की और शासन के नियमों और निर्देशों के खिलाफ विक्रय पत्र संपादित किया, जो उनके पदीय दायित्वों के विपरीत था।
इससे शासन को वित्तीय हानि हुई और इस आधार पर कलेक्टर ने उन्हें नोटिस जारी किया। भदौरिया के द्वारा दिए गए उत्तर को कलेक्टर ने संतोषजनक नहीं माना और निलंबन का आदेश जारी किया। निलंबन अवधि के दौरान भदौरिया का मुख्यालय कलेक्टर कार्यालय में रखा गया है।
बाकी अफसर पर भी हो सकती है कार्रवाई
उप पंजीयक मानवेंद्र सिंह भदौरिया पर कार्रवाई के बाद पंजीयन विभाग के अन्य अधिकारियों में भी हड़कंप मच गया है। कुछ अन्य उप पंजीयक भी वर्तमान में जिला पंजीयक दफ्तर में पदस्थ हैं, जिन्होंने चिटफंड कंपनियों, जीडीए और अन्य विभागों की भूमि पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद रजिस्ट्री की है।
इन मामलों की जांच और शिकायतें विभिन्न स्तरों पर लंबित हैं। इसके अलावा कुछ मामलों में नजूल और खसरे के कॉलम नंबर 12 में तहसीलदार द्वारा की गई प्रविष्टि के बावजूद रजिस्ट्री की गई है, जो अब जांच के दायरे में हैं। इन सभी मामलों की जांच की जा रही है और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।