Court Notice Against Kangana Ranaut: बीजेपी सांसद और फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ देशद्रोह और किसानों का अपमान करने के मामले में कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. आगरा की एक स्पेशल कोर्ट एमपी एमएल अनुज कुमार सिंह ने हिमाचल प्रदेश के मंडी क्षेत्र से बीजेपी सांसद और फिल्म एकट्रेस कंगना रनौत के खिलाफ नोटिस जारी कर 28 नवंबर 2024 को अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है। बता दें कि देशद्रोह मामले में एक्ट्रेस के पते पर नोटिस भेजा गया है।
विशेष न्यायालय (एमपी-एमएलए) अनुज कुमार सिंह ने सीआरपीसी की धारा 200 के तहत अदालत में वादी पक्ष के वकीलों के बयान दर्ज किये। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने नोटिस जारी कर सुनवाई की तारीख 28 नवंबर तय की थी।
वरिष्ठ वकील ने शिकायत में लिखा है कि वह देश के किसानों और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति पूरा सम्मान और श्रद्धा रखते हैं। 26 अगस्त 2024 को बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने टीवी चैनलों पर दिए इंटरव्यू में किसानों पर अभद्र टिप्पणी की थी। इससे पहले 16 नवंबर 2021 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसा के सिद्धांत का मजाक उड़ाया गया था।
11 सितंबर को दर्ज हुआ था मुकदमा
आगरा के वरिष्ठ वकील राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमाशंकर शर्मा ने 11 सितंबर 2024 को कंगना रनौत के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। मुकदमे में कहा गया कि 27 अगस्त 2024 को कंगना रनौत का एक बयान पढ़ा जो अखबारों में छपा था, जिसमें कंगना ने कहा कि जो किसान अगस्त 2020 से दिसंबर 2021 तक काले कानून के खिलाफ धरने पर बैठे थे।
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दिल्ली की सीमा पर बलात्कार हो रहे थे, हत्याएं हो रही थीं और अगर उस समय देश का नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो देश में बांग्लादेश जैसे हालात हो गए होते। वादी अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने कंगना रनौत पर देश के करोड़ों किसानों का अपमान करने का आरोप लगाया है। और कहा कि कंगना ने किसानों को हत्यारा, बलात्कारी और उग्रवादी बताया।
बयान से भावनाओं को ठेस पहुंची
वादी वकील ने अपने दावे में कहा है कि चूंकि वह भी किसान के बेटे हैं, इसलिए उन्होंने खेती भी की है, तो उनकी भावनाएं को ठेस पहुंची है। वकील ने अपनी शिकायत में यह भी कहा है कि 17 नवंबर 2021 को कंगना रनौत ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसा सिद्धांत का मजाक उड़ाते हुए एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि गाल पर थप्पड़ खाने से भीख मिलती है।
आजादी नहीं, और यह भी कहा था कि 1947 में हमें जो आजादी मिली वह महात्मा गांधी के भीख के कटोरे में मिली। असली आजादी 2014 में मिली जब केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई। इससे स्पष्ट है कि स्वतंत्रता आन्दोलन में जिन देशभक्तों ने अपने प्राणों की आहुति देकर फांसी का फंदा चूमा सथ ही हजारों-लाखों स्वतंत्रता सेनानियों ने जेल की यात्रा सहन की, अंग्रेजों के अत्याचार सहे, कंगना ने उनका भी अपमान किया है। राष्ट्रपिता का अपमान करना पूरे देश का अपमान करना है। यह देश की 140 करोड़ जनता का अपमान है।
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