CG Naxalite Conversion Case: छत्तीसगढ़ में साय सरकार के ताबड़तोड़ एक्शन से नक्सली बौखलाए हुए हैं। अब नक्सली धर्मांतरण को हथियार बनाने की कोशिश में हैं। बस्तर में प्रस्तावित ईसाइयों के धर्म प्रचारक डॉ. पॉल दिनाकरण की सभा को नक्सलियों ने खुला समर्थन देकर आग में घी डाला है। इससे छत्तीसगढ़ में एक बार फिर धर्मांतरण का मुद्दा गरमा गया है।
नक्सलियों के बैनर-पोस्टरों की ये भाषा बस्तर में धर्मांतरण (CG Naxalite Conversion Case) की आग को और भड़काने का काम कर रही है। नक्सली संगठन धर्म परिवर्तन की आग में घी डालने का काम कर रहे हैं। दरअसल, बस्तर में ईसाईयों के धर्म प्रचारक डॉ. पाल दिनाकरण की सभा प्रस्तावित है। जिसे लेकर पहले से ही विवाद चल रहा है। इसी बीच नक्सिलयों ने बैनर-पोस्टर लगाकर सभा को समर्थन देने का ऐलान किया है। हालांकि, पुलिस इसकी जांच में जुटी है और सतर्कता बरतते हुए मामले को डील कर रही है।
हिंदू संगठनों ने जताया ऐतराज
इधर ईसाई समाज नक्सलियों (CG Naxalite Conversion Case) के इस रुख पर मौन है। समाज के लोगों ने नक्सलियों के संगठन पर कोई रिएक्शन नहीं दिया। जबकि हिंदू संगठनों ने एतराज जताते हुए सभा ही न होने देने की बात कही है। इस प्रस्तावित सभा को लेकर नक्सली एक्टिव हो गए हैं। उन्होंने इस सभा के आयोजन को पूरा करने के लिए समर्थन दिया है। इधर इस मामले में पुलिस भी एक्टिव हो गई है।
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वर्ग संघर्ष का फायदा लेना चाहते हैं नक्सली
बस्तर में धर्मांतरण सियासी मुद्दा तो रहा ही है। अब नक्सलियों (CG Naxalite Conversion Case) की भी इस मामले में एंट्री हो गई है। धर्म के गर्म तवे पर नक्सली भी अपने हिस्से की रोटियां सेंकने की कोशिश करते नज़र आ रहे हैं। इसके पीछे माओवादियों का मकसद है कि – वर्ग संघर्ष की नौबत आए और इसका फायदा अपने ढंग से उठा सकें।
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