High Court online Filling: देश का पहला ऑनलाइन कोर्ट शुरु हो गया है। जैसा का नाम से ही स्पष्ट है कि ये व्यवस्था ऑनलाइन है।
मतलब इस कोर्ट के अंतर्गत होने वाले काम हफ्ते में सातों दिन और 24 घंटे होंगे। ऑनलाइन कोर्ट की सफलता के आधार पर इसे अन्य राज्यों में भी लागू किया जा सकता है।
चेक बाउंस के मामलों से होगी शुरुआत
ऑन कोर्ट 24×7 दरअसल एडवोकेट्स के लिए एक पहल है। जिसके तहत वे आवेदन दाखिल करने, स्थगन मांगने, मामलों की निगरानी करने और न्याय के त्वरित वितरण के लिए चौबीसों घंटे समन ट्रैक करने जैसी डिजिटल सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं।
ON Court एडवोकेट और कानूनी बिरादरी से जुड़े सभी लोगों के लिए चीजों को आसान और अधिक कुशल बनाने की एक पहल है। ऑन कोर्ट 24×7 शुरू में नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत चेक बाउंस के मामलों से निपटने के लिए लॉन्च किया जाएगा।
ऑन कोर्ट 24×7 के ये हैं फायदे
1. कहीं से भी काम करने की स्वतंत्रता: एडवोकेट अपने दस्तावेज़ों तक पहुंच सकते हैं। कहीं से भी अपनी प्रतिक्रियाएं दर्ज कर सकते हैं, वर्चुअल मोड के ज़रिए ऑनलाइन सुनवाई में भाग ले सकते हैं, ऑनलाइन समन की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं।
2. बार बार जमा नहीं करनी होगी फाइल: वकीलों को अपनी गलतियों को सुधारने में सक्षम बनाकर ऑनलाइन फ़ाइलिंग को आसान बनाया गया है, बजाय इसके कि उन्हें पूरी फ़ाइल फिर से जमा करनी पड़े।
3. अगले चरणों की आसानी से निगरानी करें: एडवोकेट्स मामले को ट्रैक करने और प्रत्येक मामले में अपनाए जाने वाले अगले चरणों को ट्रैक कर सकेंगे। इससे उन्हें डेली प्लान तैयार करने में आसानी होगी।
4. गलतियां होने पर टेम्पलेट मिलेगी: यह अधिवक्ताओं को गलतियों के बिना फाइल करने के लिए मार्गदर्शन और सहायता प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा। यह गलतियों को कम करने के लिए किसी भी आवेदन को दाखिल करते समय पालन किए जाने वाले विस्तृत दिशानिर्देश और टेम्पलेट प्रदान करेगा।
5. समय प्रबंधन में सहायता: यह एक स्मार्ट कैलेंडर प्रदान करता है, जिससे वकील अपने शेड्यूल को ट्रैक कर सकते हैं और अपने काम की कुशलतापूर्वक योजना बना सकते हैं।
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इस हाईकोर्ट से हुई शुरुआत
अगस्त 2024 में केरल हाईकोर्ट में विभिन्न डिजिटल पहल शुरू की गईं। कोल्लम पीठ में नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट मामलों के लिए देश का पहला विशेष डिजिटल कोर्ट शुरु हुआ है।
इसमें ऑनलाइन विवाद समाधान प्रणाली, मॉडल डिजिटल कोर्ट रूम अवधारणा, न्यायिक अकादमी की लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम, डिजिटल लाइब्रेरी और रिसर्च सेंटर, जिला डिजिटल कोर्ट की घोषणाएं शामिल है।
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