Bhopal Marriage Garden Refund Policy: भोपाल उपभोक्ता आयोग (Bhopal Consumer Commission) की बेंच-1 ने एक अहम फैसला सुनाया है। इस फैसले में आयोग ने कहा कि यदि किसी कारणवश उपभोक्ता मैरिज गार्डन या शादी हॉल कैंसिल कराता है तो मैरिज गार्डन संचालक को बुकिंग राशि तत्काल वापस करनी होगी। ऐसा ना करने या देरी करने पर बुकिंग राशि पर मोटा ब्याज भी देना होगा।
आयोग ने फैसले में यह भी कहा, संचालक यह कहकर एडवांस राशि लौटाने से इनकार नहीं कर सकते कि वे इसे बाद में एडजस्ट कर लेंगे या जब कार्यक्रम होगा तब एडजस्ट कर लेंगे।
भोपाल उपभोक्ता आयोग बेंच-1 ने सुनाया
इस मामले में भोपाल उपभोक्ता आयोग की बेंच-1 ने कहा कि विपक्षी या मैरिज गार्डन संचालक द्वारा बुकिंग राशि वापस न करना सेवा में कमी (Deficiency in Service) के अंतर्गत आता है। बता दें कि यह फैसला आयोग के अध्यक्ष योगेश दत्त शुक्ला ने सुनाया है।
क्या है मामला?
भोपाल के शिवाजी नगर में रहने वाले राजरूप पटेल ने नवंबर 2022 में अपनी बेटी की शादी का कार्यक्रम रखा था। इसके लिए उन्होंने जून 2022 में कोलार स्थित वैभव मैरिज गार्डन को 21 हजार रुपए में बुक किया था। बाद में शादी कैंसिल हो गई और उन्होंने जुलाई 2022 में बुकिंग रद्द कर दी। इसी संबंध में उन्होंने गार्डन प्रबंधन को एडवांस में पैसे दिए थे, लेकिन विवाह रद्द होने पर उन्होंने उससे एडवांस पैसे वापस मांगे पर नहीं नहीं मिले।
इस पर गार्डन प्रबंधन ने कहा कि भविष्य में शादी के समय राशि समायोजित कर दी जाएगी। इसके बावजूद करीब दो साल बीत गए और गार्डन में शादी का आयोजन नहीं हुआ। इसके बाद भी गार्डन प्रबंधन ने अग्रिम राशि देने से इनकार कर दिया। वहीं, नोटिस जारी होने के बाद भी गार्डन प्रबंधन की ओर से कोई भी व्यक्ति आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ।
आयोग ने सुनाया उपभोक्ता के पक्ष में फैसला
उपभोक्ता ने 21 हजार रुपए एडवांस के तौर पर जमा करवाए थे। इस मामले में विपक्षी ( गार्डन प्रबंधन) ने बुकिंग राशि वापस करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। नोटिस के बावजूद विपक्षी न तो आयोग के समक्ष उपस्थित हुआ और न ही कोई दस्तावेज प्रस्तुत किया। फैसले में आयोग ने यह भी कहा कि बुकिंग राशि वापस न करना सेवा में कमी का सबूत है।
आयोग ने क्या सुनाया फैसला
इस मामले में भोपाल उपभोक्ता आयोग की खंडपीठ-1 ने आदेश पारित किया है। आयोग के विपक्षी, आदेश की प्रति प्राप्ति दिनांक से 2 महीने के भीतर परिवादी को 21 हजार रुपए की राशि 9 फीसदी वार्षिक ब्याज सहित देगा होगी। साथ ही, मानसिक कष्ट के लिए 5 हजार रुपए और परिवाद व्यय के लिए 3 हजार रुपए भी अदा करे।
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