Guru Ghasidas Tamor Pingla Tiger Reserve: गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व अब भारत का 56वां टाइगर रिजर्व बन जाएगा। इसको लेकर छत्तीसगढ़ सरकार ने आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है। इससे पहले इस मामले में हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिस पर इसी महीने 6 नवंबर को सुनवाई हुई थी।
सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट को बताया था कि जल्द ही गुरु घासीदास तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व के रूप में नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।
सूरजपुर जिले में स्थित है तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य
तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य (Guru Ghasidas Tamor Pingla Tiger Reserve) छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में स्थित है, जिसका नाम इस क्षेत्र की प्रमुख पहचान ‘तमोर हिल’ और ‘पिंगला नाला’ के नाम पर रखा गया है। इसे पहले छत्तीसगढ़ सरकार ने सरगुजा जशपुर हाथी रिजर्व के एक हिस्से के रूप में अधिसूचित किया था। इस अभयारण्य में सात राजस्व गांव स्थित हैं, और तमोर हिल्स का क्षेत्रफल 250 वर्ग किलोमीटर है।
कई बड़ी नदियों का उद्गम स्थल है गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान कई बड़ी नदियों का उद्गम स्थल है, और यहां नदियों के साथ उनकी सहायक नदियों का जाल फैला हुआ है, जो इसे अन्य टाइगर रिजर्व से अलग बनाता है। यहां से बहने वाली प्रमुख नदियों में पैरी, गोपद, रांपा, दौना, महान, जगिया, बैरंगा, लोधार, झांगा, नेउर और खारून जैसी नदियां पूरे साल बहती रहती हैं। यही कारण है कि यह क्षेत्र वन्य जीवों के रहने के लिए आदर्श स्थल माना जाता है।
टाइगर रिजर्व में ये इलाके होंगे शामिल
इस टाइगर रिजर्व में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर जिलों के तमोर पिंगला अभयारण्य के इलाके शामिल होंगे। इसके विकास के लिए राज्य के वन और जलवायु परिवर्तन विभाग को जिम्मेदारी दी गई है। इस परियोजना के लिए राष्ट्रीय बाघ परियोजना से अतिरिक्त बजट प्राप्त किया जाएगा, ताकि इलाके के गांवों में जीवन यापन के बेहतर अवसर बनाए जा सकें।
छत्तीसगढ़ में अब चार टाइगर रिजर्व
छत्तीसगढ़ में अब तक तीन बाघ अभयारण्य इंद्रावती (बीजापुर जिले में), उदंती-सीतानदी (गरियाबंद) और अचानकमार (मुंगेली)। गुरु घासीदास नेशनल पार्क को 2021 में टाइगर रिजर्व के रूप में मंजूरी मिली थी, लेकिन विरोध के कारण इसे तत्काल लागू नहीं किया जा सका था।
कांग्रेस सरकार के शासनकाल में खदानों के कारण इस इलाके को टाइगर रिजर्व बनाने का नोटिफिकेशन रुका हुआ था। हालांकि, विष्णुदेव सर्मा के नेतृत्व में कैबिनेट में प्रस्ताव आने के बाद इसे मंजूरी दी गई थी। इस प्रस्ताव को पहले छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार ने तैयार किया था और एनटीसीए को भेजा था।
गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व में पाए जाते हैं कई वन्य जीव
गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व में 26 प्रकार के विभिन्न वन्य जीव पाए जाते हैं। यहां बाघ, तेंदुआ, चीतल, सांभर, कुटरी, चौरसिंगा, नीलगाय, गौर, जंगली सुअर, चिंकारा, माउस डियर, भालू, जंगली बिल्ली, सियार, लोमड़ी, पैंगोलिन, साही, पाम सिवेट, छोटा सिवेट, बुश रेट, काले और लाल बंदर, बड़ी गिलहरी, दुर्लभ उदबिलाव, कवर बिज्जू, और ट्री शिओ जैसी प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इसके अलावा, जंगली हाथियों की गतिविधियां भी यहां बनी रहती हैं। नीलगाय और तेंदुओं की संख्या भी इस क्षेत्र में अधिक है।
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