Cyber Crime MP: भोपाल पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़ा नेटवर्क का पर्दाफाश किया, जिसका संचालन बिहार का एक अंतरराज्यीय गिरोह करता था। पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जो भोपाल में किराए के मकान में फर्जी दस्तावेज बनाते थे। आरोपियों ने देश के 6 राज्यों में फर्जी दस्तावेज बनाने की बात स्वीकार की, जिनमें इंदौर, भोपाल, लखनऊ, मुंबई और अहमदाबाद शामिल हैं।
1800 बैंंक अकाउंट बेचे
भोपाल पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़ा नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जहां आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों पर 1800 बैंक अकाउंट बनाए थे। इन अकाउंट्स को वे 10,000 रुपये में बेचते थे, जिनका इस्तेमाल साइबर जालसाज करते थे। पुलिस को इन खातों में करोड़ों रुपये के ट्रांजेक्शन के प्रमाण मिले हैं। पुलिस कमिश्नर हरीनारायण चारी मिश्रा ने बताया कि आरोपी इन फर्जी अकाउंट्स का इस्तेमाल साइबर ठगी और अन्य अवैध गतिविधियों के लिए करते थे।
एडिट करके बनाते थे फेक बैंक अकाउंट
मुख्य आरोपी किसी भी शहर में दो महीने से ज्यादा नहीं रहता था। सभी सात आरोपी, जो चौथी से 12वीं तक पढ़े हुए हैं, को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मुखबिर की सूचना पर हनुमानगंज पुलिस ने आरोपियों के ठिकाने पर रेड किया और नेटवर्क को ध्वस्त किया है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे दस्तावेजों को एडिट करके फर्जी दस्तावेज बनाते थे, जिनका इस्तेमाल बैंक अकाउंट और सिम खरीदने में किया जाता था। इसके जरिए वे भोले-भाले लोगों के साथ साइबर फ्राड करते थे। यह बड़ा खुलासा है और पुलिस की कार्रवाई से साइबर अपराधियों में खलबली मच गई है।
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एक महीने से भोपाल में रहते थे आरोपी
भोपाल में एक महीने से रह रहे आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने फर्जीवाड़ा करने के लिए एक कॉल सेंटर कमरे में शुरू किया था। आरोपियों ने बड़ी संख्या में एडिट कर फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे, जिनका इस्तेमाल फर्जी बैंक खाते खुलवाने और फर्जी तरीके से सिम खरीदने के लिए किया जाना था। यह एक बड़ा फर्जीवाड़ा नेटवर्क है, जिसमें आरोपी फर्जी दस्तावेजों को एडिट करके बनाते थे और फिर उनका इस्तेमाल अवैध गतिविधियों के लिए करते थे।