CG DGP Meeting: 13 नवंबर की शाम को पुलिस मुख्यालय से प्रदेश के एसपी को एक अहम संदेश भेजा गया। संदेश में कहा गया था कि 14 नवंबर को डीजीपी अशोक जुनेजा की बैठक होगी और सभी पुलिस अधीक्षकों को रायपुर बुलाया गया है, बस्तर रेंज को छोड़कर सभी 26 एसपी को इस बैठक में शामिल होना था। यह संदेश मिलते ही, दूरस्थ क्षेत्रों के एसपी जैसे सरगुजा के अधिकारियों ने रात में ही रायपुर के लिए रवाना हो गए।
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सुबह दस बजे तक सभी एसपी पुलिस मुख्यालय पहुंचे
सभी पुलिस अधीक्षकों में यह जिज्ञासा थी कि आखिर ऐसी कौन सी घटना है जिसके लिए डीजीपी साहब ने इस तरह की आपातकालीन बैठक बुलायी है। सुबह दस बजे तक सभी एसपी पुलिस मुख्यालय पहुंच चुके थे।
बैठक की शुरुआत में एडीजीपी अजाक ने बैठक ली, इसके बाद सीआईडी, ट्रेनिंग और इंटेलिजेंस के अधिकारियों ने पुलिस अधीक्षकों से अलग-अलग चर्चा की। आखिरकार, तीन बजे डीजीपी अशोक जुनेजा बैठक में पहुंचे और आते ही उन्होंने सभी एसपी की खूब क्लास ली।
पहली बार एसपी की जिलेवार समीक्षा
राज्य बनने के बाद यह पहली बार था जब पुलिस की जिलेवार समीक्षा की गई। अब तक एसपी कांफ्रेंस में इतना समय नहीं मिल पाता था, लेकिन इस बार डीजीपी ने एक-एक पुलिस अधीक्षक को खड़ा कर उनके जिले की पुलिस कार्यवाही पर सवाल उठाए। सबसे पहले उन्होंने लोहारीडीह की घटना पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि वहां पहले भी एक एसडीएम और तहसीदार को बंधक बनाया गया था, लेकिन पुलिस ने एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की? अगर पुलिस पहले सतर्क होती तो लोहारीडीह जैसी शर्मनाक घटना नहीं होती।
थानों के बाहर विज्ञापन पर नाराजगी
डीजीपी ने थानों के बाहर निजी लोगों द्वारा लगाए गए विज्ञापन बोर्ड को लेकर भी नाराजगी जताई। उन्होंने आदेश दिया कि तुरंत इन बोर्ड्स को हटाया जाए और पुलिस खुद अपने थाने का बोर्ड लगाए।
डबल मर्डर पर एसपी की लापरवाही
डीजीपी ने यह भी कहा कि कुछ जिलों में डबल मर्डर जैसी गंभीर घटनाओं के बाद भी पुलिस अधीक्षक मौके पर नहीं पहुंचते। उन्होंने यह भी कहा कि यह पुलिसिंग के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने एसपी से कहा कि वे थानेदारों से नियमित संवाद करें, और जो काम उन्हें सौंपे जाएं, उसका फॉलोअप भी करें।
एडिशनल एसपी के खिलाफ जांच पर सवाल
बैठक में बस्तर रेंज को छोड़कर सभी चार रेंज के आईजी भी मौजूद थे। डीजीपी ने दुर्ग रेंज के आईजी से सवाल किया कि दुर्ग के एक एडिशनल एसपी के खिलाफ शिकायत आई थी, तो उसकी जांच राजनांदगांव पुलिस से क्यों कराई गई? आईजी ने जवाब दिया कि निष्पक्ष जांच के लिए यह जरूरी था।
गैंगवार और गांजे की सप्लाई पर सख्त रवैया
डीजीपी अशोक जुनेजा ने प्रदेश में चल रहे गैंगवार को लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर की और उसे तुरंत रोकने के आदेश दिए। साथ ही उन्होंने गांजे की सप्लाई नेटवर्क के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास जानकारी है कि कौन से जिलों के एसपी गांजा सप्लाई को संरक्षण दे रहे हैं।
हर महीने होगी पुलिस अधीक्षकों की समीक्षा
डीजीपी ने ऐलान किया कि अब वे हर महीने पुलिस अधीक्षकों के कामकाज की समीक्षा करेंगे। जिन जिलों में लापरवाही पाई जाएगी, वहां के अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीजीपी ने कहा कि पुलिस अधिकारियों का ठीक से काम न करना ही लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बिगड़ने की वजह है। उन्होंने कहा कि एसपी आफिस में बैठकर काम नहीं करते, लोगों से मिलते नहीं, ऐसे में उन्हें सही फीडबैक कैसे मिलेगा।